हस्तशिल्प उद्योग : हुनर-ए-बनारस के प्लेटफार्म पर हस्तकला शिल्प के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाएगा डिजी गांव

बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों के उत्पादों को दुनिया के बाजारों से जोडऩे के लिए भारत सरकार ने डिजिटल क्राफ्ट विलेज यानी डिजी गांव विकसित करने का निर्णय लिया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 14 Feb 2020 01:41 PM (IST) Updated:Fri, 14 Feb 2020 01:42 PM (IST)
हस्तशिल्प उद्योग : हुनर-ए-बनारस के प्लेटफार्म पर हस्तकला शिल्प के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाएगा डिजी गांव
हस्तशिल्प उद्योग : हुनर-ए-बनारस के प्लेटफार्म पर हस्तकला शिल्प के क्षेत्र में डिजिटल क्रांति लाएगा डिजी गांव

वाराणसी, जेएनएन। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हस्तशिल्प कला को विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाने व बुनकरों एवं हस्तशिल्पियों के उत्पादों को दुनिया के बाजारों से जोडऩे के लिए भारत सरकार ने डिजिटल क्राफ्ट विलेज यानी डिजी गांव विकसित करने का निर्णय लिया है। हस्तकला शिल्पियों द्वारा बनाए गए गुलाबी मीनाकारी ,बुनकरी,  हैंड मेड बैग, वाल हैंगिंग टेक्सटाइल डिजाइनिंग, फैशन डिजाइनिंग सहित विविध प्रकार के हस्तशिल्प उत्पादों को एक ही छत के नीचे ई-मार्केटिंग के जरिए पूरी दुनिया में उपलब्ध कराया जाएगा।  हुनर-ए-बनारस के प्लेटफार्म के जरिए कारीगरों के उत्पादों को आनलाइन बाजार के माध्यम से सीधे उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया जाएगा। हस्तशिल्प के हुनर को ऑनलाइन बाजार मिलने से बिचौलियों की कड़ी टूट जाएगी और हुनरमंद हाथों को उनकी मेहनत का हक मिलेगा। अप्रैल माह से डिजिटल क्राफ्ट विलेज काम करना शुरू कर देगा। 

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिजिटल इंडिया कारपोरेशन तथा साइंस टेक्नोलॉजी मंत्रालय की मदद से वाराणसी के पांच स्थानों को डिजिटल क्राफ्ट विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। 

साईं इंस्टीट्यूट ऑफ रूलर डेवलपमेंट वाराणसी के डायरेक्टर अजय सिंह ने बताया कि शहर के पांच इलाके डिजिटल क्राफ्ट विलेज के रूप में विकसित किए जा रहे हैं। क्राफ्ट विलेज न्यू इनोवेशन, डिजाइन, पैकेजिंग डिजिटल स्टूडियो-लाइब्रेरी, गैलरी आर्ट क्राफ्ट गैलरी स्वास्थ्य सहित अन्य संसाधनों का पूरा सेटअप एक ही छत के नीचे सुसज्जित किया जाएगा। 

क्राफ्ट विलेज में तैयार होने वाले  सभी उत्पादों को हुनर ए बनारस के प्लेटफार्म पर ई- मार्केटिंग के जरिए पूरी दुनिया में बेचा जाएगा। बाबतपुर एयरपोर्ट के समीप बसनी गांव के समीप यूपी के पहले वूमेन, रूरल आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी में उत्पादों की प्रदर्शनी होगी। जहां दुनिया भर से हस्तशिल्प से जुड़े लोग आएंगे। 

छात्रों को मिलेगा लाभ

डिजिटल विलेज एनजीओ स्वयं सहायता समूह के लिए भी काम करेगा। सूक्ष्म उद्योगों में तकनीकी सहायता और डिजाइन एवं नवाचार की तलाश कर रहे लोगों को यह प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। 

इन पांच स्थानों पर बनेगा क्राफ्ट विलेज

- खोजवां में वूडेन क्राफ्ट।

- लोहता, लल्लापुरा में जरी जरदोजी।

- कालभैरव क्षेत्र में गुलाबी मीनाकारी।

- हरसोस, राजातालाब में वॉल हैंगिंग।

- कुड़ी बड़ागांव गांव में जरी, हैंडवर्क।

खासियत

- एक विधा में पारंगत कारीगरों का बनाए जाएगा अलग-अलग समूह।

- साइबर क्राइम से बचने की दी जाएगी जानकारी।

- हुनर-ए बनारस पोर्टल के माध्यम से बेचे जाएंगे उत्पाद

- हस्तशिल्प उत्पादों के इतिहास पर रिसर्च करने की दी जाएगी सुविधा

- आर्ट एंड क्राफ्ट गैलरी में विदेशी बायर्स को करेंगे आमंत्रित।

- परंपरागत के साथ ही तकनीकी रूप से भी कारीगर होंगे दक्ष।

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