वाराणसी में आंकड़ों में विकास, हकीकत पर दावे में लीकेज, नगर विकास मंत्री सवालों से हुए असहज

नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल की ओर से प्रेसवार्ता बुलाई गई थी। आंकड़ों से भरे कागज को पढ़कर एक से बढ़कर एक कसीदे नगर विकास मंत्री पढ़े जा रहे थे लेकिन जब उनके विभाग से जुड़ी हकीकत में गुथे सवालों से सामना हुआ तो जवाब देने से मुकर गए।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 03:05 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 03:05 PM (IST)
वाराणसी में आंकड़ों में विकास, हकीकत पर दावे में लीकेज, नगर विकास मंत्री सवालों से हुए असहज
मंत्री के विभाग से जुड़ी हकीकत में गुथे सवालों से सामना हुआ तो जवाब देने से मुकर गए।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। स्थान सर्किट हाउस, दिन रविवार, समय दोपहर के एक बजे। नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन गोपाल की ओर से प्रेसवार्ता बुलाई गई थी। आंकड़ों से भरे कागज को पढ़कर एक से बढ़कर एक कसीदे नगर विकास मंत्री पढ़े जा रहे थे लेकिन जब उनके विभाग से जुड़ी हकीकत में गुथे सवालों से सामना हुआ तो जवाब देने से मुकर गए। बार-बार कुरेदा गया तो शुद्ध पेयजल आपूर्ति व सीवेज निस्तारण जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी विफल योजनाओं का ठिकरा पूर्व की सपा व बसपा सरकारों पर फोड़ते हुए खुद की जिम्मेदारी से मंत्री ने पल्ला झाड़ लिया।

नगर विकास मंत्री बता नहीं सके कि स्मार्ट सिटी योजना से कचहरी पर बने पब्लिक फैसिलिटी सेंटर के अंदर बारिश की बूंदें क्यों टपक रही हैं जबकि एक सप्ताह भी नहीं हुए उसे उद्घाटित हुए। मंत्री के पास जेएनएनयूआरएम के तहत बनी पेयजल व सीवेज योजना के अब तक जनोपयोगी नहीं होने पर कोई ठोस जवाब नहीं था जबकि पूर्व की सरकारों के बाद भाजपा की प्रदेश सरकार के भी साढ़े चार साल गुजर गए। फिलहाल, आंकड़ों पर आधारित योजनाओं को गिनाते हुए मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकारों में जितनी भी जर्जर योजनाएं थीं उसे दुरुस्त किया गया। प्रदेश के 10 स्मार्ट सिटी में छह में सिटी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर बन गया है। इसके तहत प्रस्तावित योजनाओं के क्रियान्वयन व पूर्णाता के लिहाज से तो वाराणसी स्मार्ट सिटी को पूरे देश में अव्वल स्थान मिला है। बेरोजगारी में भारी कमी आई है। केंद्र व प्रदेश की योजनाओं से रोजगार के नए अवसर खुले हैं तो प्रदेश सरकार ने अब तक साढ़े चार लाख पढ़े-लिखे बेरोजगारों को सरकारी नौकरी दी है।

पूरी कवायद पारदर्शिता के साथ की गई है। योग्यता के अनुसार युवाओं की नियुक्ति हुई है। विकास की कसौटी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र काशी तो देश के लिए माडल बनकर उभरा है। अब तक जितने ढांचागत निर्माण के अलावा जनकल्याणकारी योजनाएं लागू की गई हैं, इससे पूर्व दशकों तक राज करने वाली सरकारों ने नहीं किया था। जनधन, आयुष्मान भारत, अत्योदय, उज्ज्वला, किसान सम्मान निधि जैसी कई बड़ी जनकल्याणकारी योजनाएं हैं जिससे गरीबों का जीवन स्तर बेहतर हुआ। कृषि व पशुपालन क्षेत्र में सरकारी योजनाओं ने गांव में ही रोजगार के अवसर दिए हैं। मुद्रा लोन, वेंडर्स को आर्थिक सहायता से दो लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। बिजली के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। अब शहर में 24 घंटे तो गांव में 18 से 20 घंटे बिजली मिल रही है।

बेहतर पर्यावरण के लिए गंगा निर्मलीकरण, पौधारोपण, शहर में हरियाली जैसी योजनाएं कारगर हुई हैं। कोरोना काल में तो केंद्र व प्रदेश सरकार के प्रयासों को विदेशों तक सराहा जा रहा है। जहां कोरोना जांच के लिए एक भी जांच लैब नहीं था वहीं अब 334 लैब क्रियाशील हो गए हैं। ऐसे ही 392 आक्सीजन प्लांट भी सक्रिय हो गए हैं। प्रेसवार्ता के दौरान नगर विकास मंत्री की ओर से एक बुकलेट भी दिया गया जिसमें पीएम मोदी व सीएम योगी आदित्यनाथ की फोटो के साथ पारदर्शी और जवाबदेही सरकार का दावा किया गया है। इसके अलावा विकास की लहर हर गांव हर शहर शीर्षक के साथ ही बीते चार सालों में हुए विकास कार्यों को उल्लेखित किया गया है। इस मौके पर महापौर मृदुला जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, एमएलसी शतरुद्र प्रकाश, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।

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