देव दीपावली : काशी, विश्वनाथ, गंगे की थीम पर बनेंगे रेत पर माडल, गंगा के छात्र माडल को दे रहे अंतिम रूप

काशी की देव दीपावली इस बार कुछ खास होने जा रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शिरकत करने वाले हैं। सरकार से लेकर प्रशासन तक और भाजपा से लेकर सामाजिक संगठन तक तैयारी में जुटे हैं। इस बार गंगा उस पार भी दीप जलाए जाएंगे।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 08:50 AM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 08:50 AM (IST)
देव दीपावली : काशी, विश्वनाथ, गंगे की थीम पर बनेंगे रेत पर माडल, गंगा के छात्र माडल को दे रहे अंतिम रूप
तुलसी घाट के उप पार रेत में बना आकृति ।

वाराणसी, जेएनएन। काशी की देव दीपावली इस बार कुछ खास होने जा रही है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शिरकत करने वाले हैं। सरकार से लेकर प्रशासन तक और भाजपा से लेकर सामाजिक संगठन तक तैयारी में जुटे हैं। इस बार गंगा उस पार भी दीप जलाए जाएंगे। गंगा के बालू वाले इस क्षेत्र को आकर्षक बनाने के लिए रेत से ही माडल भी बनाए जा रहे हैं जिनका थीम महादेव, गंगा व घाट है।

इसको बनाने के लिए लखनऊ के प्रोफेशनल आर्टिस्ट एजाज अहमद के नेतृत्व में गुलशन सोनकर, रोहित कुमार, टिल्लू पाल, सूरजबलि वर्मा के अलावा बीएचयू व काशी विद्यापीठ के करीब 70 छात्र जुटे हुए हैं। गंगा पार रेती पर बालू से दस विभिन्न आकृतियां बनायी जा रही हैं। इनमें गंगा किनारे के दस प्राचीन घाट के इतिहास का थीम होगा। जिसे पीएम नरेंद्र मोदी के साथ घाट पर मौजूद श्रद्धालु व मेहमान निहार सकेंगे। इन आकृतियों को इतनी बारिकी से बनाया जा रहा है कि लोग देखते ही घाट के इतिहास से रूबरू हो जाएंगे। आकृति देखने के बाद उन्हें पता चल जाएगा कि संबंधित घाट की क्या खासियत है। खासकर सैलानियों व दूर दराज से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यह आकर्षण का केंद्र होगा।

इंस्टालेशन से दिखेगी विरासत

देव दीपावली पर इंस्टालेशन के माध्यम से बनारस की सांस्कृतिक विरासत की छटा भी देखने को मिलेगी। आर्टिस्ट यहां बनारस की खास पहचान को छह इंस्टालेशन के रूप में तैयार कर रहे हैं। देव दीपावली के दिन पीएम के साथ देशभर से घाट पर मौजूद टूरिस्ट््स उस पार बने अब्स्ट्रैक्ट का अवलोकन कर पाएंगे। इसको बनाने में पूरी टीम दिन रात जुटी हुई है।

घाटों पर सज्जा की थीम

तुलसीघाट -      गोस्वामी तुलसीदास

हरिश्चंद्र घाट   राजा हरिश्चंद्र, चिता

अस्सी         - सुबह-ए-बनारस

दशाश्वमेध -      गंगा आरती

चेतङ्क्षसह        - महाराजा चेतङ्क्षसह

मणिकर्णिका    - सती की आकृति

मानमंदिर -       नक्षत्र व तारे

ललिता         - नेपाली संस्कृति

गंगामहल -      संगीत घराना

पंचगंगा       - आकाशदीप

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