पंचायत चुनाव खर्च का 90 दिन में नहीं दिया ब्योरा, जब्त होगी जमानत की धनराशि
त्रिस्तरीय चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा देने में जीते या हारे प्रत्याशी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। अभी तक 100 प्रत्याशियों ने अपना लेखा-जोखा दिया है। चुनाव के बाद सभी को 90 दिनों के अंदर ब्योरा देना था। साथ ही अपनी जमानत राशि लेनी थी।
बलिया, जागरण संवाददाता। त्रिस्तरीय चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा देने में जीते या हारे प्रत्याशी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। अभी तक 100 प्रत्याशियों ने अपना लेखा-जोखा दिया है। चुनाव के बाद सभी को 90 दिनों के अंदर ब्योरा देना था। साथ ही अपनी जमानत राशि लेनी थी। चुनाव के बाद ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य का शपथ ग्रहण भी हो गया। इसके बाद भी खर्च का ब्योरा समय सीमा के अंदर नहीं दिए।
26 अप्रैल को मतदान व दो मई को परिणाम घोषित हो गए थे। ग्राम प्रधान, सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्यों का खर्च का विवरण तहसील में देना था। जिला पंचायत सदस्यों को कोषाधिकारी कार्यालय में देना था। ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य को 75-75 हजार, जिला पंचायत सदस्य को 1.50 लाख व ग्राम पंचायत सदस्यों के उम्मीदवारों को दस हजार रुपये खर्च करने का अधिकार था। 17 विकास खंडों में जिला पंचायत सदस्य पद के 58, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 1441 ग्राम प्रधान के 940 तथा ग्राम पंचायत सदस्य के 12098 पदों पर करीब 30 हजार प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था।
अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के लिए अभी समय
जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव तीन व ब्लाक प्रमुख का 10 जुलाई को हुआ था। ऐसे में इन्हें भी 90 दिनों के अंदर अपने खर्च का ब्योरा प्रस्तुत करना है। जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए दो और 17 ब्लाक से प्रमुख पद के लिए करीब 26 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। इसमें अध्यक्ष को चार व ब्लाक प्रमुख को दो लाख रुपये खर्च करना था।
अभी तक 100 प्रत्याशियों ने अपने खर्च का ब्योरा प्रस्तुत किया है
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य की समय-सीमा सोमवार को समाप्त हो जाएगी। ऐसे में जमानत की धनराशि राजकोष में चली जाएगी। अभी तक 100 प्रत्याशियों ने अपने खर्च का ब्योरा प्रस्तुत किया है। परीक्षण के बाद इनकी जमानत राशि लौटाई जाएगी।
-बीराम, सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी, पंचस्थानीय।