Inter-Model Station : वाराणसी में इंटर माडल स्टेशन की बनी डिजाइन, राजघाट क्षेत्र में प्रस्तावित है अंतरराष्ट्रीय स्तरीय प्रोजेक्ट

लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एनएचएआइ ने राजघाट क्षेत्र में प्रस्तावित इंटर माडल स्टेशन प्रोजेक्ट पर कदम आगे बढ़ा दिया है। तकनीकी विशेषज्ञों ने इसकी प्रारंभिक डिजाइन तैयार कर ली है। इसके आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 07:10 AM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 10:43 PM (IST)
Inter-Model Station : वाराणसी में इंटर माडल स्टेशन की बनी डिजाइन, राजघाट क्षेत्र में प्रस्तावित है अंतरराष्ट्रीय स्तरीय प्रोजेक्ट
एनएचएआइ ने राजघाट क्षेत्र में प्रस्तावित इंटर माडल स्टेशन प्रोजेक्ट पर कदम आगे बढ़ा दिया है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार एनएचएआइ ने राजघाट क्षेत्र में प्रस्तावित इंटर माडल स्टेशन प्रोजेक्ट पर कदम आगे बढ़ा दिया है। तकनीकी विशेषज्ञों ने इसकी प्रारंभिक डिजाइन तैयार कर ली है। इसके आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। काशी रेलवे स्टेशन को केंद्र बनाकर प्रोजेक्ट को आकार दिया जाएगा। इस इंटर माडल स्टेशन पर बस, ट्रेन, हेलीकाप्टर और वाटर ट्रांसपोर्ट की सुविधा होगी।

इस प्रोजेक्ट में खिड़किया घाट के विकास कार्य को भी जोड़ा जाएगा क्योंकि हेलीकाप्टर सेवा के लिए बन रहे दो हेलीपैड भी इंटर माडल की परिधि में होंगे। इंटर माडल स्टेशन पर ही फाइव स्टार होटल व बजट होटल की सुविधा भी मिलेगी। अर्बन हाट तथा यात्री सुविधा के सभी अत्याधुनिक चीजें होंगी।

तीन हजार करोड़ की योजना

इस योजना पर करीब तीन हजार करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इसे करीब 40 एकड़ क्षेत्रफल पर विकसित किया जाएगा। इसकी कनेक्टिविटी राष्ट्रीय राजमार्ग से रिंग रोड व प्रस्तावित सिग्नेचर ब्रिज से भी होगी। कैंट स्थित रोडवेज बस स्टेशन भी यहीं शिफ्ट करने का प्रस्ताव है। काशी रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म बढ़ाया जाएगा। नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

17 मीटर ऊंची होगी तीसरी मंजिल

एनएचएआइ के टेक्निकल मैनेजर ललित कुमार सिंह ने बताया कि ग्राउंड लेवल पर सिटी बस टॢमनल होगा। आठ मीटर की ऊंचाई पर काशी रेलवे का रिमाडलिंग किया जाएगा। करीब 17 मीटर की ऊंचाई पर तीसरी मंजिल पर इंटर स्टेट बस सॢवस की सुविधा रहेगी। इंटर माडल स्टेशन तक आने-जाने के लिए एलिवेटेड (फ्लाई ओवर) रास्ता, रेलवे स्टेशन और अंतरराज्यीय बस टॢमनल के लिए अलग से होगा।

सिगरा-महमूरगंज सीवर लाइन की जांच करने आई टीम

गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से सिगरा-महमूरगंज तक बनी सीवर लाइन की टीएसी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित हो गई है। इसमें अधिशासी अभियंता टीएसी पवन कुमार यादव, सहायक अभियंता टीएसी सीडी मिश्रा व जूनियर इंजीनियर टीएसी दिनेश कुमार मिश्र को नामित किया गया है। अधीक्षण अभियंता टीएसी मनोज कुमार जांच टीम के एक सदस्य पवन कुमार यादव को साथ लेकर मंगलवार को बनारस आ गए हैं। उन्होंने शाम को मौके का मुआयना भी किया। हालांकि, जांच तब प्रारंभ होगी जब जांच टीम के दो अन्य सदस्य सहायक अभियंता टीएसी सीडी मिश्रा व जूनियर इंजीनियर टीएसी दिनेश कुमार मिश्र बनारस पहुंच जाएंगे। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के परियोजना प्रबंधक एसके बर्मन ने बताया कि दो अन्य सदस्य बुधवार तक बनारस पहुंच जाएंगे। टीम को एक सप्ताह के अंदर जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन में सौंपना है। सिगरा-महमूरगंज सीवर लाइन कार्य में जमकर धांधली हुई है। एक तो वक्त ज्यादा लगा तो दूसरे गुणवत्ता पर भी सवाल उठे।

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