वाराणसी में बोले उप मुख्‍यमंत्री डा. दिनेश शर्मा - 'विश्वस्तरीय होगी सूबे की शिक्षा व्यवस्था'

उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि सूबे में विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। इस क्रम में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 02:58 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 02:58 PM (IST)
वाराणसी में बोले उप मुख्‍यमंत्री डा. दिनेश शर्मा - 'विश्वस्तरीय होगी सूबे की शिक्षा व्यवस्था'
यूपी में टास्क फोर्स बनाकर चरणबद्ध तरीके से नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है।

वाराणसी, जेएनएन। उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि सूबे में विश्वस्तरीय शिक्षा व्यवस्था बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। इस क्रम में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। टास्क फोर्स बनाकर चरणबद्ध तरीके से नई शिक्षा नीति लागू की जा रही है। गुणवत्तायुक्त शोध के लिए सभी विश्वविद्यालयों में शोधपीठ बनाई गई है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश को ज्ञान के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में काम चल रहा है। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश के अन्य राज्यों को राह दिखाने का कार्य करेगी।

वह शनिवार को कचहरी स्थित सर्किट हाउस में मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने बताया कि यूपी की सरकार ने सूबे की शिक्षा व्यवस्था को नया आयाम दिया है। साढ़े चार साल के कार्यकाल में सरकार उल्लेखनीय कार्य हुए। इस दौरान साढ़े चार लाख बेरोजगारों को नौकरी दी गई। इसमें डेढ़ लाख शिक्षक भी शामिल है। नियुक्तियां पूरी तरह से पारदर्शी व शुचिता पूर्वक की गई। किसी भी नियुक्ति पर कोई विवाद या आरोप नहीं लगा। पिछली सरकारों में यूपी परीक्षाओं में नकल के लिए बदनाम था। वहीं अब यूपी नकल विहीन परीक्षा का माडल बन गया है। वह भी बगैर किसी के खिलाफ कार्रवाई किए अब परीक्षाएं नकल विहीन हो रही है। सीसी टीवी कैमरा अन्य तकनीकी माध्यमों से परीक्षाएं अब पूरी शुचिता के साथ हो रही है। यही नहीं सूबे में अब एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया गया।

सूबे में समृद्ध हुआ डिजिटल लाइब्रेरी : उन्होंने बताया कि कोविड काल में जब पूरी दुनिया ठहर गई थी। जब यूपी ने आनलाइन शिक्षण व्यवस्था की राह दिखाई। डिजिटल लाइब्रेरी को समृद्ध किया। इसमें करीब 90 हजार से अधिक विद्वानों के लेक्चर व पाठ्यसामग्री अपलोड कराए गए ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आनलाइन पढ़ाई भौतिक रूप के क्लास का विकल्प नहीं हो सकता है। हालांकि यह सहायक हो सकता है। कोविड काल की परिस्थितियों को देखते हुए आनलाइन टीचिंग को बढ़ाया दिया गया था ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो सके। कहा कि तनावमुक्त विद्यार्थी, गुणवत्तापरक शिक्षा, नकल विहीन परीक्षा और सुखीमन शिक्षक इन चार मंत्रों पर सरकार ने काम किया, जो सफल रहा।

इसी माह में पूरी होगी संस्कृत शिक्षकों की भर्ती

कहा कि साढ़े चार साल में 250 से अधिक राजकीय विद्यालय, 75 डिग्री कालेज व 12 विश्वविद्यालय खोले गए। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में कौशल विकास, औद्योगिक प्रकोष्ठ बनाए जा रहे हैं ताकि गुणवत्तापरक व रोजगारपरक शिक्षा बनाया जा सके। कहा कि संस्कृत विद्यालयों में अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में महिला अध्ययन केंद्र व संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पांडुलिपियों के संरक्षण के लिए प्रस्ताव मांगा गया है।

हर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का डंका : उन्होंने बताया कि यूपी देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनकर उभरी है। चार वर्ष में 11 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था 22 करोड़ रुपये की बन गई है। हर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का डंका बज रहा है। देश में 44 योजनाओं में यूपी पहले स्थान पर है। कोरोना काल में 56 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में आया है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश आत्म निर्भर भारत की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। कहा कि गंगा एक्सप्रेस से सूबे में बीस हजार लोगों को रोजगार सृजन होने की संभावना है। वहीं कोविड वैक्सीन के मामले में डब्ल्यूएचओ भी यूपी की प्रशंसा कर चुका है। पत्रकारवार्ता के दौरान राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डा. नीलकंठ तिवारी, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल, कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, विधायक सौरभ श्रीवास्तव सहित अन्य लोग शामिल थे।

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