Health Tips : वाराणसी में डेंगू ने पसारे पांव, बच्चों को मच्छरदानी में सुलाएं और सेहत बचाएं

बरसात और बाढ़ के चलते अचानक से शहर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस बीमारी की चपेट में बच्चे बहुत ही आसानी से आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए बच्चों को इस मौसम में मच्छरदानी में ही सुलाएं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 09:34 AM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 09:34 AM (IST)
Health Tips : वाराणसी में डेंगू ने पसारे पांव, बच्चों को मच्छरदानी में सुलाएं और सेहत बचाएं
बरसात और बाढ़ के चलते अचानक से शहर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बरसात और बाढ़ के चलते अचानक से शहर में डेंगू के मामले तेजी से बढ़े हैं। इस बीमारी की चपेट में बच्चे बहुत ही आसानी से आ जाते हैं। इससे बचाव के लिए बच्चों को इस मौसम में मच्छरदानी में ही सुलाएं। ख्यात बाल रोग विशेषज्ञ डा. आलोक भारद्वाज बताते हैं कि जिन लोगों को एक बार डेंगू हो चुका है, उन्हें अधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है, क्योंकि सबसे अधिक खतरा भी इन्हें ही होता है।

बताया यह पांच तरह के वायरस से होने वाला रोग है। एक वायरस से ग्रसित होने पर, उसके प्रति तो एंटीबाडी शरीर में बन जाती है, लेकिन शेष चार से ग्रसित होने का खतरा बना रहता है। डेंगू में दो तरह की परेशानी होती है। पहला है प्लेटलेट्स काउंड कम होना। इसमें रक्तस्त्राव की स्थिति में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स चढ़ाने से काउंट तुरंत बढ़ जाता है। वहीं दूसरी स्थिति में रक्त धमनियों से फ्लूड निकलने लगता है और छाती व पेट में इकट्ठा होने लगता है। इससे ब्लड प्रेशन लो हो जाता है। मरीज को भर्ती करके पानी चढ़ाने की जरूरत होती है। दोनों ही स्थिति में मृत्यु की आशंका दो से तीन फीसद होती है। इसलिए कोताही बिल्कुल न करें।

ये हैं डेंगू के लक्षण

- डेंगू बुखार के लक्षणों में सबसे पहला लक्षण है तेज बुखार आना और ठंड लगना।

- ब्लड प्रेशर का सामान्य से बेहद ही कम हो जाना।

- मांसपेशियों, जोड़ों, सिर और पूरे शरीर में दर्द होना।

- शारीरिक कमज़ोरी आना, भूख न लगना।

- डेंगू के दौरान पूरे शरीर पर रैशेज़ भी हो सकते हैं।

- डेंगू के दौरान तेज़ बुखार 3-4 दिनों तक बना रहता है, इसके साथ कई बार पेट दर्द की शिकायत भी होती है और उल्टियां भी होने लगती हैं।

ऐसे करें रोकथाम

- डेंगू की रोकथाम का सबसे पहला और जरूरी कदम यही है कि आप मच्छरों को पैदा होने से रोकें।

- अपने घर के आस-पास जल जमाव न होने दें।

- कूलर के पानी को हर हफ्ते बदलें।

- गमले और छत पर पड़े डिब्बे, टायरों और पुराने बर्तनों में पानी जमा न होने दें। इस तरह आप मच्छरों को पैदा होने से रोक सकते हैं।

- घर में साफ-सफाई रखें, हो सके तो घर में मॉस्किटो रेपेलेंट का छिड़काव करें।

- मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।

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