वाराणसी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग बढ़ी

लोग अपने घर में भी मसालों को मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन कर रहे हैं। खासकर सोंठ दालचीनी तुलसी पत्ती काली मिर्च गिलोय चिरइता आदि की डिमांड अधिक है। पिछले साल भी कोरोना काल में काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की खूब बिक्री हुई थी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 06:30 AM (IST)
वाराणसी में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग बढ़ी
कोरोना संक्रमण की रफ्तार के साथ काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग भी बढ़ गई है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की रफ्तार के साथ काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की मांग भी बढ़ गई है। खासकर सोंठ, दालचीनी, तुलसी पत्ती, काली मिर्च, गिलोय, चिरइता आदि की डिमांड अधिक है। हालांकि गोला दीनानाथ मंडी के चार दिनों से बंदी के कारण बिक्री पर भी असर पड़ा है। गाड़ियां भी कम ही आ रही हैं। गनीमत की बात है कि कोरोना के कारण लगनी सीजन कमजोर पड़ने से बाजार में मसालों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। इसलिए कीमत स्थिर है।

पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना व मसाला मंडी विश्वेश्वरगंज व गोला दीनानाथ में है। यहीं से वाराणसी के साथ ही पूरे पूर्वांचल और बिहार के साथ ही अन्य प्रदेशों में भी मसाले जाते हैं। बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि से मसाले आते भी हैं। पिछले साल भी कोरोना काल में काढ़ा में उपयोग होने वाले मसालों की खूब बिक्री हुई थी।

वहीं आयुष मंत्रालय ने भी आयुष क्वाथ पर प्रशिक्षण कराया था, जो लोगों के लिए काफी लाभदायक साबित हुआ। इस साल भी तमाम कंपनियां आयुष क्वाथ को मार्केट में लेकर आईं हैं। वहीं लोग अपने घर में भी मसालों को मिलाकर काढ़ा बनाकर सेवन कर रहे हैं। गोला दीनानाथ के बड़े कारोबारी दुर्गा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि यहां पर कुछ मसाले केरल, तमिलनाडु के साथ ही सिंगापुर से भी मंगाए जाते हैं। कुछ दिनों में इनकी मांग बढ़ी है, लेकिन रेट नहीं बढ़ा है। साथ ही आवक व स्टॉक भी ठीक-ठाक है। आयुर्वेदिक काढ़ा के मसालों के विक्रेता अमरनाथ ने बताया कि काढ़े में उपयोग हाेने वाले मसालों में 30 फीसद से अधिक बिक्री बढ़ी है। सबसे अधिक बिक्री सोंठ, दालचीनी, मरीच, तुलसी पत्ती, गिलोय, चिरइता आदि की हो रही है।

कोरोना से बचने के लिए घर पर भी बना सकते हैं आयुष काढ़ा

कोरोना से बचने के जरूरी है कि आपके शरीर की प्रतरोधी क्षमता बेहतर रहे। प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने एवं संक्रमण को रोकने में देसी काढ़ा बहुत कारगर सिद्ध हुआ। पिछले साल जब कोरोना का कहर बरपा था तो आयुष मंत्रालय ने आयुष क्वाथ यानी काढ़ा जारी किया। इसका देश के कई हिस्सों में ट्रायल भी हुआ था। यही नहीं बीएचयू में भी इस काढ़े का मानकीकरण किया गया था। इसके बाद तो मंत्रालय से हरी झंडी मिलते पर तमाम कंपनियां आयुष क्वाथ बाजार में उतार दी है।

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