कोरोना संक्रमण के कारण 50 फीसद बढ़ी आयुर्वेदिक औषधियों की मांग, कई दवाओं की कमी
कोरोना काल में आयुर्वेदक औषधियों की मांग 50 फीसद तक बढ़ गई है। मांग अधिक होने के कारण कुछ औषधियों की कमी भी आ गई है। दुकानदारों से संबंधित कंपनियों को मांग भेजी है। इसके अलावा कोरोना की भी कुछ एलोपैथिक दवाएं की भी पिछले दिनों कमी आ गई थी।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में आयुर्वेदक औषधियों की मांग 50 फीसद तक बढ़ गई है। मांग अधिक होने के कारण कुछ औषधियों की कमी भी आ गई है। इसके लिए दुकानदारों से संबंधित कंपनियों को मांग भेजी है। इसके अलावा कोरोना की भी कुछ एलोपैथिक दवाएं की भी पिछले दिनों कमी आ गई थी।
दूसरी लहर में वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उन दवाओं की भी मारामारी हो गई है जो पहले बहुत ही कम बिकती थी। यही कारण हैं कि काेरोना के उपचार में उपयोग की जाने वाली कुछ जरूरी दवाएं इनदिनों बाजार से गायब हो गई है। इसमें एंटी बायोटिक एवं आयुर्वेदिक औषधियां भी शामिल हैं। लंका स्थित इंदू मेडिकल स्टोर के इंदू प्रकाश मौर्या ने बताया कि पिछले सप्ताह तक आयुर्वेदिक औषधियों की मांग अचानक ही 50 फीसद तक बढ़ गई थी। इसके कारण कुछ कमी आई थी। बताया कि इन दिनों सबसे अधिक फेफड़ा, किडनी, हृदय को मजबूत करने के साथ ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली औषधियों की मांग हो रही है।
इसमें स्वर्ण भष्म, महालक्ष्मी विलास रस, जयमेगा, लौगादि वटी, आयुष काढ़ा, आयुष-64 टैबलेट, गिलोय घनबटी, तुलसी ड्राप आदि की मांग हो रही है। वहीं सप्तसागर दवा मंडी में आयुर्वेद औषधियों के थोक विक्रेता आनंद कुमार बताते हैं कि औषधियों के साथ ही विभिन्न कंपनियों के च्यवनप्रास, अश्वगंधा कैप्सूल, गिलोय नीम जूस आदि की भी बिक्री बढ़ी है। हालांकि कुछ दिनों से कोरोना के मामले कम आने से बिक्री में मामूली कमी भी आई है।