अंतरराष्ट्रीय कान्फरेन्स ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ का आयोजन करने वालों पर कारवाई की मांग
international conference Dismantling Global Hindutva शांति प्रेम करुणा और समावेशिता की शिक्षा देनेवाले हिन्दू धर्म को बदनाम करने हेतु आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फरेन्स का आयोजन करनेवाले इसमें सहभाग लेनेवाले तथा इस कॉन्फरेन्स की सहायता करने वालों पर कारवाई की मांग वाराणसी में की गई है।
वाराणसी, जेएनएन। देश में आगामी 10 से 12 सितंबर 2021 को आयोजित अंतरराष्ट्र्रीय कॉन्फरेन्स ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ के माध्यम से हिन्दू धर्म के एक अरब से अधिक अनुयायियों को अमानवीय बताया जा रहा है। 11 सितंबर को अमेरिका में हुए हमले की वास्तविकता से संसार का ध्यान हटाने के लिए जानबूझकर यह प्रयास किया गया है। शांति, प्रेम, करुणा और समावेशिता की शिक्षा देनेवाले हिन्दू धर्म को बदनाम करने हेतु आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय कॉन्फरेन्स का आयोजन करनेवाले, इसमें सहभाग लेनेवाले तथा इस कॉन्फरेन्स की सहायता करने वालों पर कारवाई की मांग वाराणसी में की गई है। इस मांग के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अपर नगर जिलाधिकारी सत्यप्रकाश सिंह के माध्यम से भारत सरकार के गृहमंत्री एवं विदेश मंत्री को ज्ञापन दिया गया है।
बताया गया कि इस कार्यक्रम से जुडे लोगों का हिन्दुओं के विरुद्ध किए गए नरसंहारों को नकारने का एक लंबा और सार्वजनिक इतिहास है। ऐसे लोगों के विचार संपूर्ण विश्व के विश्वविद्यालयों के छात्र तथा कर्मचारी सुनेंगे, यह अत्यंत घातक होगा। ज्ञापन देने हेतु हिंदू युवा वाहिनी के प्रदेश उपाध्यक्ष मनीष पांडेय, हिंदू जागरण मंच के काशी अध्यक्ष अधिवक्ता अवनीश राय, हिंदू जागरण मंच के मंत्री अधिवक्ता विकास तिवारी, संस्कृति रक्षा मंच के रवि श्रीवास्तव, अधिवक्ता मदन मोहन यादव, अधिवक्ता विनय कुमार तिवारी, अधिवक्ता रतनदीप सिंह एवं हिंदू जनजागृति समिति के राजन केसरी सहभागी हुए थे ।
सदस्यों की मांगें
1- इस कार्यक्रम के माध्यम से हिन्दू धर्म तथा हिन्दुत्व के संदर्भ में अत्यंत गलत प्रचार होगा, जिससे भारत में धार्मिक सौहार्द को बाधा पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले भारतीय वक्ताओं तथा आयोजकों पर अपराध (गुनाह) प्रविष्ट करें।
2- इस कार्यक्रम का जिन विश्वविद्यालयों ने समर्थन किया है या प्रायोजित किया है, उन्हें भारत सरकार की ओर से पत्र भेजें, जिसमें यह कार्यक्रम भारतीय संस्कृति तथा सभ्यता का गलत प्रचार करनेवाला है, इसलिए यह कार्यक्रम रहित करें या अपना प्रायोजकत्व पीछे लें । तब भी कुछ नहीं हुआ, तो भारत सरकार उन सभी देशों से पत्र व्यवहार करे।
3- इस कार्यक्रम की कार्यसूची (एजेंडा) भारत द्रोही एवं हिन्दूद्रोही है । इसलिए नागरिक इस कार्यक्रम में सहभागी न हों, ऐसा भारत सरकार आवाहन करे।