पंडित राजन मिश्र का निधन : बनारस घराने को असली पहचान दिलाई राजन-साजन की जोड़ी ने : प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र

बनारस घराने के संस्थापक कई लोग हैं लेकिन इस घराने को असली पहचान पंडित राजन- साजन मिश्र की जोड़ी ने ही दिलाई। संगीत के लिए आज का समय दुःखद है। आज एक जोड़ी बिखर गई। मेरा तो उनसे पारिवारिक संबंध था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 25 Apr 2021 09:20 PM (IST) Updated:Sun, 25 Apr 2021 09:20 PM (IST)
पंडित राजन मिश्र का निधन : बनारस घराने को असली पहचान दिलाई राजन-साजन की जोड़ी ने : प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र
पंडित राजन-साजन मिश्र के साथ संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ।

वाराणसी, जेएनएन। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भरनाथ मिश्र ने कहा कि बनारस घराने के संस्थापक कई लोग हैं लेकिन इस घराने को असली पहचान पंडित राजन- साजन मिश्र की जोड़ी ने ही दिलाई। संगीत के लिए आज का समय दुःखद है। आज एक जोड़ी बिखर गई। मेरा तो उनसे पारिवारिक संबंध था। मेरे बाबा (दादा जी ) पंडित अमर नाथ मिश्र दोनों को बहुत मानते थे क्योंकि इनके पिता प्रख्यात सारंगी वादक हनुमान प्रसाद मिश्र मेरे बाबा के मित्र थे। राजन मिश्र ने गायकी की बारीकियां अपने चाचा सारंगी वादक गोपाल मिश्र से ही सीखीं।

सन 1979 की बात है। संकट मोचन संगीत समारोह चल रहा था। सुबह का समय था। पंडित राजन-साजन मिश्र का गायन चल रहा था। उसी दिन सितार सम्राट पंडित रविशंकर का जन्मदिन था। वे अल- सुबह ही मंदिर में दर्शन करने आये थे। उन्होंने राजन-साजन का पूरा गाना मेरे पिता स्व महंत वीरभद्र मिश्र के साथ बैठकर सुना और उनका एक प्रोग्राम बुक किया। यही समय दोनों भाइयों के जीवन में महत्वपूर्ण हो गया। इसके बाद उन्हें एक से बढ़कर एक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम मिलने लगे। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने फिल्मी पार्श्व गायिका लता मंगेशकर के साथ भी गायन किया। वे संकट मोचन संगीत समारोह में मेरे साथ ही रहते थे।

वादा किया कि जब तक जीवित रहूंगा तब तक संकट मोचन संगीत समारोह में गाता रहूंगा

बहुत दिनों तक वे नहीं आये। 1993 में उनसे मेरी मुलाकात हुई। उन्होंने मुझसे वादा किया कि जब तक जीवित रहूंगा  तबतक संकट मोचन संगीत समारोह में गाता रहूंगा। उन्होंने अपना यह वादा निभाया । वे विदेश में भी रहते थे तो सब कार्यक्रम रद कर संकट मोचन संगीत समारोह में जरूर आते थे। उनका गायन का कार्यक्रम सुबह होता था। इसके बाद हम लोग बैठकर संगीत समारोह की चर्चा करते थे। पिछले वर्ष भी सोशल मीडिया पर आयोजित संकट मोचन संगीत समारोह में गायन प्रस्तुत किया था और इस बार भी ऑन लाइन आयोजित होने वाले संकट मोचन संगीत समारोह में आने का वादा किया था।

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