हिंसक हो गई थीं डा. शिल्पी राजपूत, काट लिया था पैर, बीएचयू में किया गया था भर्ती

खुदकशी से साल भर पहले से शिल्पी राजपूत की मानसिक हालत बेहद खराब हो चुकी थी, नशे की आदी होकर वह इस कदर हिंसक हो चुकी थीं कि घर में तोडफ़ोड़ करने लगतीं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 18 Nov 2018 09:24 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 08:30 AM (IST)
हिंसक हो गई थीं डा. शिल्पी राजपूत, काट लिया था पैर, बीएचयू में किया गया था भर्ती
हिंसक हो गई थीं डा. शिल्पी राजपूत, काट लिया था पैर, बीएचयू में किया गया था भर्ती

वाराणसी, जेएनएन । खुदकशी से करीब साल भर पहले से डॉक्टर शिल्पी राजपूत की मानसिक हालत बेहद खराब हो चुकी थी। नशे की आदी होकर वह इस कदर हिंसक हो चुकी थीं कि घर में तोडफ़ोड़ करने लगतीं, जोर-जोर से चीखतीं और अपने शरीर को नुकसान पहुंचाने लगती थीं। कुछ हफ्ते पहले एक कांच से अपना पैर काफी काट लिया था, खून अधिक बहने से उनकी हालत खराब हो गई थी। आलम यह हो गया कि वह क्लिनिक में मरीजों और अपने कर्मचारियों से ही मारपीट करने और सबके सामने फांसी लगाकर मर जाने की बात कहने लगतीं। घबराकर 35 लोगों के उनके स्टॉफ ने थाने में अर्जी दी कि वे काम छोड़कर जा रहे हैं, डॉक्टर को कुछ होता है तो इसके लिए कर्मचारियों का कोई दोष नहीं होगा। जांच कर रही पुलिस के सामने ये तथ्य आए हैं।

बहनोई डॉ विनय सिंह समेत अन्य करीबियों ने कैंट पुलिस को बताया कि डॉक्टर शिल्पी का बर्ताव इतना खराब और उग्र हो गया था कि लोग उनसे दूर भागने लगे थे। यहां तक कि रिश्तेदार भी घर नहीं आना चाहते थे क्योंकि वे ऊलजलूल बोलते हुए झगड़े पर आमादा हो जातीं। साल भर से वह नशे में इस कदर डूब गई थीं कि उनका स्वास्थ्य भी खराब होता जा रहा था। बहनोई के मुताबिक 2 महीने पहले उन्हें बीएचयू में भर्ती कराया गया था, जहां से वह बिना बताए या डॉक्टर की अनुमति के भाग गई थीं। डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी मनोदशा अत्यंत गम्भीर है और इसमें सुसाइड टेंडेंसी यानी खुदकशी करने का खतरा अत्यधिक होता है। पति डॉ डीपी सिंह की हत्या में कई महीने जेल में रहीं डॉ शिल्पी बेटे उमंग से भी पति जैसा नफरत और अक्सर मारपीट करने लगी थीं इसलिए वह बहन दीप्ति के साथ दिल्ली चला गया जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद नौकरी करने लगा।

मां की हालत बेहद खराब होने की जानकारी पाकर वह दो महीने पहले आया और मानसिक रोगियों के इलाज वाले अस्पताल ले जाने का प्रयास किया लेकिन डॉक्टर ने एम्बुलेंस में लेने आई टीम के कर्मचारियों को ही मारपीट कर भगा दिया था। उमंग ने पिछले कुछ महीनों में कई बार अर्दली बाजार चौकी, कैंट थाने और एसएसपी कार्यालय में अर्जी देकर मां के इलाज में महिला पुलिस की मदद मांगी ताकि उन्हें किसी तरह अस्पताल में भर्ती कराया जा सके। कई बार पुलिसवाले आए भी। हाल ही में पुलिस कर्मियों के सामने भी डॉक्टर ने बेटे को पीटा था। बेटे-बेटी को वह दिन भर फोन करतीं और गाली के मैसेज भेजतीं। मामले की जांच कर रहे उपनिरीक्षक रामनरेश यादव के मुताबिक, डॉक्टर का व्यवहार असामान्य हो चुका था। बेटे और स्टाफ़ से शिकायत और मदद की अर्जी मिली थी।

बेटे-बेटे से अपने नाम लिखा ली थी संपत्ति : डॉ शिल्पी ने सुसाइड नोट में लिखा है कि बेटा उमंग सम्पत्ति के लिए उनकी हत्या का इरादा रखता है जबकि बहनोई डॉ सिंह बताते हैं कि चार महीने पहले शिल्पी ने उमंग को उसके नाम की एक जमीन बेचने के लिए मजबूर कर पैसे ले लिए थे। सारे पैसे खर्च कर दिए क्योंकि क्लीनिक भी बंद चल रहा था। यही नहीं, उमंग और दीप्ति पर दबाव बनाकर उनसे नर्सिंग होम का उनका हिस्सा भी अपने नाम रजिस्ट्री करा ली थी।

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