काशी विश्‍वनाथ दरबार के गर्भगृह में दर्शन पूजन शुरू, मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को मिला प्रवेश

बाबा दरबार में रविवार से ही श्रद्धालु कोविड प्रोटोकॉल के साथ गर्भगृह में जलाभिषेक करने लगे हैं। मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश मिला और बाबा दरबार सावन माह से पूर्व हर हर महादेव के उद्घोष से सुबह से ही गूंजने लगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 27 Jun 2021 09:33 AM (IST) Updated:Sun, 27 Jun 2021 01:43 PM (IST)
काशी विश्‍वनाथ दरबार के गर्भगृह में दर्शन पूजन शुरू, मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को मिला प्रवेश
बाबा दरबार में रविवार से ही श्रद्धालु कोविड प्रोटोकॉल के साथ गर्भगृह में जलाभिषेक करने लगे हैं।

वाराणसी, जेएनएन। काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन पूजन की पुरानी व्यवस्था लागू हो गई है। रविवार से ही श्रद्धालु कोविड प्रोटोकॉल के साथ गर्भगृह में जलाभिषेक करने लगे हैं। मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश मिला और बाबा दरबार सावन माह से पूर्व हर हर महादेव के उद्घोष से सुबह से ही गूंजने लगा।

कोरोना वायरस के दूसरे संक्रमण के दौर में बाबा दरबार में दर्शन पूजन प्रतिबंधित कर दिया गया था। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु हित में रविवार से नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। इस व्‍यवस्‍था के तहत अब श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर बाबा का जलाभिषेक कर सकेंगे। अब तक गर्भगृह के बाहर से झांकी दर्शन और बाहर से ही जलाभिषेक की ही व्यवस्था थी।

मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने जागरण को बताया कि मंदिर में पूर्व की भांति ही व्यवस्था लागू कर दी गई है। इसमें मंगला आरती के बाद श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश दिया जाएगा जो जल चढ़ा सकेंगे। उन्होंने बताया कि काशीवासियों की अटूट श्रद्धा और उनकी मांग को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दर्शन पूजन के दौरान सभी श्रद्धालुओं को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। 

कोरोना काल में आरटीपीसीआर रिपोर्ट की बंदिश : जिले में कोविड के संक्रमण को देखते हुए वाराणसी कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने 15 अप्रैल से बाबा दरबार एवं अन्नपूर्णा मंदिर आने वाले भक्तों को तीन दिन पूर्व का आरटीपीसीआर निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया था। हालांकि 8 जून से कुछ शर्तों के साथ आम भक्त भी बाबा दरबार और मां अन्नपूर्णा का दर्शन-पूजन करने लगे थे। इस दौरान सामाजिक दूरी और कोविड प्रोटोकॉल का सभी को पालन करना अनिवार्य कर दिया गया था। हालांकि, इसके बाद भी गर्भगृह में प्रवेश और पूजन पर प्रतिबंध था। अब यह प्रतिबंध पूरी तरह से कोविड गाइडलाइन के साथ खत्‍म कर दिया गया है।

सावन माह की तैयारियां : कोरोना संक्रमण का दूसरा दौर बीतने के बाद भले ही तीसरे संक्रमण के दौर की चर्चा हो लेकिन बाबा दरबार में सावन माह का अनोखा उत्‍साह अभी से नजर आने लगा है। लगभग माह भर में सावन का माह शुरू हो जाएगा। सावन के सोमवार पर आस्‍था का अथाह सागर नजर आएगा तो दूसरी ओर सावन माह भर बाबा के दर्शन पूजन का उत्‍साह चरम पर होगा। माना जा रहा है कि सावन मास की तैयारियों के क्रम में ही चरणबद्ध तरीके से बाबा दरबार को भक्‍तों के लिए खोला गया है। अब पखवारे भर बाद बांस बल्लियों के साथ ही सुरक्षा के कदम उठाकर बाबा दरबार में सावन मास के दर्शन पूजन की तैयारियों और श्रद्धालुओं की सुविधाओं के लिए प्रशासनिक पहल दिखेगी।

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