संस्कृति विभाग ने आजमगढ़ हरिऔध कला केंद्र पर खर्च का मांगा ब्योरा, आएंगे अच्‍छे दिन

लगभग 13 वर्ष पूर्व बारिश के दौरान पुनरुद्धार की गुहार लगाते-लगाते हरिऔध कला भवन धराशायी हो गया था। प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने सुधि ली। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल करते हुए 17 करोड़ 17 लाख 73 हजार की कार्ययोजना बनी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 06:50 AM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 06:50 AM (IST)
संस्कृति विभाग ने आजमगढ़ हरिऔध कला केंद्र पर खर्च का मांगा ब्योरा, आएंगे अच्‍छे दिन
हरिऔध कला भवन धराशायी हो गया था, प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने सुधि ली।

आजमगढ़, जेएनएन। लगभग 13 वर्ष पूर्व बारिश के दौरान पुनरुद्धार की गुहार लगाते-लगाते हरिऔध कला भवन धराशायी हो गया था। प्रदेश की तत्कालीन सपा सरकार ने सुधि ली। मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में शामिल करते हुए 17 करोड़, 17 लाख, 73 हजार की कार्ययोजना बनी। स्वीकृति मिलने के बाद आठ करोड़ रुपये शासन से अवमुक्त किए गए। 27 दिसंबर 2014 से कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस ने निर्माण कार्य शुरू करा दिया, जिसे नवंबर 2016 में ही पूरा हो जाना था।

शासन से शेष धनराशि न मिलने से पिछला कार्य रुक गया था। 29 फरवरी 2016 को कार्यदायी संस्था द्वारा 610.35 लाख रुपये, 11 जुलाई 2016 को 799.70 लाख रुपये धन की उपयोगिता का प्रमाण पत्र भी शासन को प्रेषित कर दिया गया था। जिसके बाद तीन अगस्त 2016 को शासन से मात्र एक लाख रुपये की स्वीकृति हुई, जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुई थी। भाजपा की सरकार बनी तो वित्तीय वर्ष 2017-18 में एक करोड़ रुपये और अवमुक्त किए गए। यानी किश्तों में मिली धनराशि के बाद मूल आगणन के अभी भी चार करोड़, 17 लाख, 13 हजार रुपये अवमुक्त किए जाने है। वर्तमान में 69 फीसद भौतिक प्रगति हो चुकी है।

कार्य की प्रगति रिपोर्ट

-बेसमेंट का कार्य 100 फीसद।

-प्रथम तल का निर्माण 100 फीसद।

-द्वितीय तल का कार्य 90 फीसद।

-तृतीय तल का कार्य 45 फीसद।

-स्लैब, चिनाई व प्लास्टर कार्य पूर्ण।

-फायर फायटिग, आडीटोरियम, चहारदीवारी एवं रैंप का कार्य प्रगति पर।

परियोजना प्रबंधक

दो दिन पूर्व संस्कृति विभाग की बैठक लखनऊ में हुई थी,जिसमें हरिऔध कला केंद्र के निर्माण को पूरा करने और शेष धनराशि अावंटित करने पर चर्चा हुई। निर्देशित किया गया है कि अब तक आवंटित कुल धनराशि और खर्च का लेखाजोखा प्रस्तुत किया जाए। उसके बाद शेष धनराशि आवंटित की जाएगी। -एपी सिंह, परियोजना प्रबंधक, कार्यदायी संस्था, सीएंडडीएस।

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