गोवा से चला क्रूज, 20 दिन में पहुंचेगा वाराणसी, 100 लोगों के बैठने की होगी व्यवस्था

गंगा में एक और क्रूज चलाने को लेकर चल रही कवायद लगभग पूरी हो गई है। सोमवार को गोवा से क्रूज रवाना हो गया और करीब 20 दिन में बनारस पहुंच जाएगा। दो मंजिला क्रूज में 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 07:10 AM (IST) Updated:Tue, 24 Nov 2020 07:10 AM (IST)
गोवा से चला क्रूज, 20 दिन में पहुंचेगा वाराणसी, 100 लोगों के बैठने की होगी व्यवस्था
बनारस में गंगा में संचालन के लिए गोवा से रवाना किया गया क्रूज।

वाराणसी, जेएनएन। गंगा में एक और क्रूज चलाने को लेकर चल रही कवायद लगभग पूरी हो गई है। सोमवार को गोवा से क्रूज रवाना हो गया और करीब 20 दिन में बनारस पहुंच जाएगा। क्रूज बनकर छह माह पहले तैयार हो गया था लेकिन परीक्षण और अनुमति नहीं मिलने के कारण रुका था। इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग ने नवंबर माह में गोवा से क्रूज ले जाने की अनुमति दी थी। नवंबर से अप्रैल के बीच समुद्र में उफान या लहरें कम होती हैं। दो मंजिला क्रूज में 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है।

बनारस में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई विकास योजनाएं तेजी से चल रही हैं। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर का विस्तारीकरण करने के साथ गंगा घाटों का सुंदरीकरण किया जा रहा है। गंगा घाट से पर्यटक मंदिर को सीधे देख सकेंगे। क्रूज का संचालन राजघाट से अस्सी घाट तक होगा। यहां टिकट काउंटर बनकर तैयार हो गए हैं।

बजड़े की तरह क्रूज में ऊपर और नीचे दोनों मंजिल पर बैठने की व्यवस्था की गई है। निचली मंजिल पूरी तरह वातानुकूलित है। क्रूज की खासियत यह है कि चारों तरफ से खुला रहेगा जिससे पर्यटकों को गंगा और घाटों की सुंदरता देखने में सहूलियत हो।

10.71 करोड़ में राजघाट से अस्सी तक क्रूज संचालन की व्यवस्था की गई है

पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत 10.71 करोड़ में राजघाट से अस्सी तक क्रूज संचालन की व्यवस्था की गई है। क्रूज गोवा से समुद्र के रास्ते केरल होते हुए कोलकाता पहुंचेगा। वहां से गंगा के रास्ते बनारस तक का सफर पूरा होगा।

-आरबी सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, राजकीय निर्माण निगम।

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