वाराणसी में जिंदा गोवंशों को खा रहे कौवे, दुर्दशा पर बारिश को ठहरा दिया जिम्मेदार

मौके पर ताला बंद मिला तथा केयरटेकर अनुपस्थित रहे। कीचड़ और गंदगी के बीच कई गोवंश अपनी मौत का इंतजार करते दिखे। हालांकि पशुओं को खाने हेतु मौके पर भूसा-चारा पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहा लेकिन चिकित्सकीय अभाव में कई गोवंश दम तोड़ने के कगार पर हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 20 May 2021 04:50 PM (IST) Updated:Thu, 20 May 2021 06:58 PM (IST)
वाराणसी में जिंदा गोवंशों को खा रहे कौवे, दुर्दशा पर बारिश को ठहरा दिया जिम्मेदार
कीचड़ और गंदगी के बीच कई गोवंश अपनी मौत का इंतजार करते दिखे।।

वाराणसी, जेएनएन। शासन द्वारा निराश्रित गोवंशों को सुरक्षित आश्रय दिए जाने संबंधित दावे जमीनी स्तर पर हवा हवाई साबित होते दिख रहे हैं। बहुतेरे कार्य कागज पर ही संपन्न होते दिख रहे हैं। इस क्रम में विकास खंड चोलापुर क्षेत्र के ग्राम सभा लालमन कोट अंतर्गत बलिरामगंज में बने निराश्रित गोवंश स्थल पर गुरुवार दोपहर मरणासन्न गोवंशों को कौवे नोचते मिले। मौके पर ताला बंद मिला तथा केयरटेकर अनुपस्थित रहे। कीचड़ और गंदगी के बीच कई गोवंश अपनी मौत का इंतजार करते दिखे। हालांकि पशुओं को खाने हेतु मौके पर भूसा-चारा पर्याप्त मात्रा में मौजूद रहा लेकिन चिकित्सकीय अभाव में कई गोवंश दम तोड़ने के कगार पर हैं।

पशुओं के स्वास्थ्य जांच होती है प्रतिदिन - खंड विकास अधिकारी

विकास खंड अधिकारी चोलापुर कौशल कुमार सिंह से मरणासन्न हालत में पड़े पशुओं एवं गंदगी के बारे में पूछने पर बताया कि चोलापुर पशु चिकित्सक द्वारा प्रतिदिन पशुओं का स्वास्थ्य जांच किया जाता है भीषण गंदगी व मरणासन्न पशुओं के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। यदि ऐसा है तो तत्काल इस बारे में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं। 

बारिश में भीगकर बीमार हुए हैं पशु- ग्राम पंचायत अधिकारी

चोलापुर क्षेत्र के बलिरामगंज (ग्राम सभा लालमन कोट) स्थित निराश्रित गोवंश स्थल पर मरणासन्न पशुओं के बारे में पूछने पर ग्राम पंचायत अधिकारी सचिन त्रिपाठी ने बताया कि फिलहाल उक्त गौशाला में कुल 75 पशुओं को टैग किया गया है। जिसमें से पूर्व में 3-4 पशुओं की बीमारी से मौत हुई है, जबकि 2 पशु ग्रामीणों को पालने हेतु दिया गया है। बीते दो दिन से हो रही बारिश में भीगकर कुछ गोवंश बीमार हो गए हैं। लेकिन मरणासन्न अवस्था में उनको मांसाहारी परिंदों द्वारा नोचे जाने की जानकारी उनको नहीं है। सचिन त्रिपाठी के अनुसार उक्त गौशाला वाराणसी-आजमगढ़ मार्ग से बिल्कुल लगी हुई है सड़क पर घूमते किसी भी पशु को बीमार अवस्था में भी स्थानीय लोग गौशाला में रखवा देते हैं। जिनकी चिकित्सकीय जांच के पश्चात उनको टैग किया जाता है। केयरटेकर की अनुपस्थिति के बारे में पूछने पर बताया कि सुबह-शाम चारा पानी देने आता है दोपहर में अपने घर चला जाता है। 

गिरे हुए पशु अभी जिंदा हैं

लालमन कोट ग्राम सभा के बलिरामगंज स्थित निराश्रित गोवंश स्थल पर हजारों की संख्या में चहारदीवारी निर्माण हेतु ईट रखी हुई हैं बावजूद इसके आधिकारिक समन्वय के अभाव में कटीले तारों से बाड़ लगाकर पशुओं को रखा गया है। गिरे हुए गोवंशो के बारे में पूछने पर ग्राम पंचायत अधिकारी सचिन त्रिपाठी ने कहा कि गिरे हुए गोवंश मृतक नही बल्कि जिंदा हैं, बारिश में भीगकर बीमार हुये हैं।

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