Crocodile Attack in Chandauli : आठ वर्षों में मगरमच्‍छ के हमले में चार लोगों की हो चुकी है मौत

चंद्रप्रभा नदी के आधा दर्जन स्थानों पर मगरमच्छों का कुनबा है। अक्सर इन कुनबे से मगरमच्छ निकलकर नदी किनारे पहुंचे लोगों पर हमला बोल देते हैं। इस नदी में ठौर ठिकाना जमाए मगरमच्छों ने पिछले आठ वर्ष में अब तक चार लोगों को मौत की नींद सुला चुके हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 02:21 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 02:21 PM (IST)
Crocodile Attack in Chandauli : आठ वर्षों में मगरमच्‍छ के हमले में चार लोगों की हो चुकी है मौत
पूर्वांचल में धीरे-धीरे ही सही लेकिन मगरमच्‍छ के हमले पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बनते जा रहे हैं।

चंदौली, जागरण संवाददाता। धीरे-धीरे ही सही लेकिन मगरमच्‍छ के हमले पूर्वांचल में आतंक का पर्याय बनते जा रहे हैं। अकेले चंदौली जिले में ही आठ साल में चार लोगों ने मगरमच्‍छ के हमले में दम तोड़ा है। मगरमच्छ के हमले से कई लोगों की जहां मौत हो चुकी है वहीं घायलों की भी अच्‍छी खासी तादात आपको चौंका देगी। इससे माना जा सकता है कि मगरमच्‍छ के कुनबे में इजाफा मानव बस्तियों के बीच संघर्ष की नई इबारत लिखने की तैयारी में है। अगर जल्‍द ही मगरमच्‍छ और इंसानों के बीच संघर्ष के मामलों पर लगाम नहीं लगी तो हादसों में बढोतरी ही नजर आनी तय है। 

चंद्रप्रभा नदी के आधा दर्जन स्थानों पर मगरमच्छों का कुनबा है। अक्सर इन कुनबे से मगरमच्छ निकलकर नदी किनारे पहुंचे लोगों पर हमला बोल देते हैं। इस नदी में ठौर ठिकाना जमाए मगरमच्छों ने पिछले आठ वर्ष में अब तक चार लोगों को मौत की नींद सुला चुके हैं। वर्ष 2014 में नदी किनारे शौच करने गए सिकंदरपुर निवासी राज कुमार बिंद (48) को मगरमच्छ ने अपने जबड़े में दबोच कर मौत की नींद सुला दिया। वर्ष 2017 में विजयपुरवा गांव निवासी जीतू साहनी (45), वर्ष 2018 में सिकंदरपुर निवासी इंसाफ अली के इकलौते पुत्र राहत अली (19) को कमोवेश कुछ इसी तरह मगरमच्छों ने अपना शिकार बनाया है। चौथी घटना बुधवार सुबह भीषमपुर गांव निवासी पार्वती सोनकर के साथ हुई। वर्ष 2018 में सिकंदरपुर निवासी राहत अली के शव को मगरमच्छों ने गायब कर दिया था। एनडीआरएफ की टीम बुलानी पड़ी थी। भारी मशक्कत के बाद किसी प्रकार घटना के दूसरे दिन शव को बरामद किया गया था। जबकि मगरमच्‍छ के हमले में घायलों की भी संख्‍या दर्जन भर से अधिक है। 

बोले अधिकारी 

चंद्रप्रभा वन सेंचुरी एरिया वन्य जीवों का अभ्यरण क्षेत्र है। सेंचुरी एरिया अंतर्गत चंद्रप्रभा बांध में प्रचुर मात्रा में मगरमच्छ मौजूद हैं। संभावना जताई जाती है कि सिंचाई के लिए बांध से पानी छोड़ें जाते समय मगरमच्छ (नर व मादा) चंद्रप्रभा नदी में प्रवेश कर गए। कर्मनाशा नदी से भी मगरमच्छ चंद्रप्रभा नदी में प्रवेश करने की संभावना है। - बृजेश पांडेय, वन क्षेत्राधिकारी, चंद्रप्रभा रेंज।

चंद्रप्रभा नदी में मगरमच्छों के ठौर ठिकाने से सभी लोग वाकिफ हैं। विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को नदी किनारे शौच करने या फिर अन्य कार्य वश जाने पर पाबंदी लगाई गई है। बावजूद इसके लोग नहीं मान रहे हैं। मगरमच्छ जब कभी बस्ती में पहुंच जाते हैं तो विभाग अपने स्तर से पकड़ कर सुरक्षित स्थान पर छोड़ने का काम करती है। - एबी सिंह, वन क्षेत्राधिकारी चकिया। 

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