वाराणसी में कोरोना संक्रमण के कारण 500 करोड़ का किराना वैवाहिक सीजन निगल गया कोविड
कोराेना ने इस बार किराना कारोबार को भी पूरी तरह चौपट कर दिया। करीब 500 करोड़ का वैवाहिक सीजन निगल गया है। पिछले वर्ष कि तरह इस वर्ष भी पूरा धंधा समाप्त हो गया। व्यापारी अब अपनी पूंजी भी खा कर कर्ज के अंधेरे खाई की तरफ बढ़ रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। लगनी सीजन से ठीक पहले कोराेना संकट ने इस बार किराना कारोबार को भी पूरी तरह चौपट कर दिया है। करीब 500 करोड़ का वैवाहिक सीजन निगल गया है। इसके कारण किराना सहित खाद्य जिंसों का व्यापार पिछले वर्ष कि तरह इस वर्ष भी पूरा धंधा समाप्त हो गया। व्यापारी अब अपनी पूंजी भी खा कर कर्ज के अंधेरे खाई की तरफ बढ़ रहे हैं। कमाई तो है नहीं ऊपर से खर्चा कम होने का नाम नहीं ले रहा है।
व्यापारियों के सामने ईएमआइ, दुकान किराया, बिजली बिल आदि की चिंता सताने लगी है। दरअसल, बनारस पूर्वांचल का ट्रेंड सेटर और ट्रेड सेंटर है। कोरोना संकट के कारण दूसरे शहरों से लोगों का आना कम ही नहीं, लगभग बंद हो गया है। प्रशासन की ओर से जरूरी न होने पर बनारस न आने की अपील भी इसमें काम कर रही है। वाराणसी किराना व्यापार समिति के महामंत्री अशोक कसेरा ने बताया कि विश्वेश्वरगंज मंडी में 260 से अधिक किराना की दुकानें हैं। एक दुकान में प्रतिदिन लगभग पांच लाख का कारोबार होता है। ऐसे में व्यापारी कोरोना से अपनी जान बचाए कि कारोबार देखें। यह समय बहुत ही मुश्किल भरा है। कसेरा ने कोरोना की भयावहता को देखते हुए सरकार से पूरे देश में संपूर्ण लाकडाउन पर विचार करने की मांग की है।
शहर की गलियों में चलती हैं करीब 5000 दुकन
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए अब बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन ने बनारसी साड़ी की सभी थोक दुकनें दो दिनों सोमवार एवं मंगलवार को बंद रखने का निर्णय लिया है। व्यापारियों का कहना है कि जान बची रहेगी तो कारोबार तो जिंदगीभर कर लेंगे। बनारसी साड़ी कारोबारियों ने इस संबंध में रविवार को टेलीफोनिक बैठक की। इसमें फिलाहाल दो दिनों के लिए बंदी की घोषणा की गई है। इसके साथ ही अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में भी जनहित में इस तरह के कदम उठाए जा सकते हैं। बनारसी वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के महामंत्री राजन बहल बताते हैं कि काशी में बनारसी साड़ी कारोबार सबसे अधिक गलियाें में ही है। खासतौर पर रानी कुआं, लक्खी चौतरा, कुंज गली, रेशम कटरा, न्यू मार्केट, नारायण कटरा, ठठेरी बाजार, गोलघर, सोरा कुआं, भाट की गली अादि क्षेत्रों में बनारसी साड़ी की करीब 5000 हजार थोक दुकानें हैं। बताया कि काशी में बनारसी साड़ी का करोबार लगभग 100 करोड़ का है। हम सभी को यह पता है कि बंदी के कारण करोड़ों का नुकसान होगा।