कोरोना प्रबंधन के अनुभवों के लिए बनेगा कोविड कोष, बीएचयू बना रहा है कोविड रिपोजिटरी पोर्टल
वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत ही नहीं पूरे विश्व में तमाही मचाई। कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी दोनों ही साल इस आपदा ने जमकर कहर बरपाया है। हालांकि लाखों लाेगों की जान लेने वाली यह पहली महामारी नहीं है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत ही नहीं पूरे विश्व में तमाही मचाई। कोरोना की पहली लहर हो या दूसरी दोनों ही आपदा ने जमकर कहर बरपाया। हालांकि लाखों लाेगों की जान लेने वाली यह पहली महामारी नहीं है। इससे पहले भी कई बार महामारी या आपदा आ चुकी है, लेकिन इससे सीख लेने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। इसे ध्यान में रखते हुए चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू की ओर से कोविड रिपोजिटरी (कोविड कोष) पोर्टल बनाया जा रहा है। इसके लिए दिल्ली में साफ्टवेयर भी तैयार किया जा रहा है। इसमें डाक्टर, नर्स, पुलिस, पत्रकार, दवा विक्रेता, एंबुलेंस चालक आदि कोरोना प्रबंधन के अपने अनुभव को साझा कर सकेंगे।
ताकि आने वाली पीढ़ी भी इस आपदा से सीख सकें
आइएमएस स्थित ट्रामा सेंटर के आचार्य प्रभारी व सर सुदंरलाल चिकित्सालय के उप चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सौरभ सिंह बताते हैं कि पोर्टल बनाने का कार्य तेजी पर चल रहा है। इसमें डाक्टर, नर्स के साथ ही प्रशासिनक अधिकारी, मरीज, तीमारदार भी अपने अनुभव को साझा कर सकेंगे। यही नहीं एनजीओ, श्मशान घाट, कब्रिस्तान से जुड़े लोग भी जुड़ सकेंगे ताकि वे कोरोना के दौरान व्यवस्था को कैसे प्रबंध किए इसका अनुभव भेज सकें। इसके बाद इसकी स्क्रीनिंग होगी और गजट भी जारी किया जाएगा ताकि आने वाले पीढ़ी भी इस आपदा से सीख सकें कि ऐसी स्थिति में कैसे निपटा जाता है।
मालूम हो कि वाराणसी के कोविड प्रबंधन की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई मंच से सराहना कर चुके हैं। यहां के अधिकारी, डॉक्टर, पुलिस, उद्यमी, व्यापारियों की भी सहराना कर चुके हैं। 15 जुलाई को बीएचयू के एमसीएच विंग में जब पीएम आए थे तो यहां के डाॅक्टरों से कोरोना प्रबंधन के अनुभव का दस्तावेज तैयार करने के लिए कहा था। इस पर अमल करते हुए बीएचयू की ओर से यहल पहल की गई है।