वाराणसी में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को न्यायालय ने सुनाई सजा

जुर्माना न देने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त साश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियुक्त द्वारा जुर्माना देने पर अदालत ने पूरी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने पैरवी की।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 09:48 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 09:48 AM (IST)
वाराणसी में नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के दोषियों को न्यायालय ने सुनाई सजा
जुर्माना न देने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त साश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म और दुष्कर्म के प्रयास के दो अलग-अलग मामलों में शनिवार को अदालत ने अभियुक्त पंकज केशरी और अरविंद हरिजन को दोषी करार देते हुए दोनों को दंडित किया। विशेष न्यायाधीश द्वितीय (पाक्सो एक्ट) राजीव कुमार की अदालत ने दुष्कर्म के दोषी मंडुआडीह थानांतर्गत पहाड़ी गांव निवासी अभियुक्त पंकज केशरी को 20 वर्ष के साश्रम कारावास एवं 17 हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न देने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त साश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी। अभियुक्त द्वारा जुर्माना देने पर अदालत ने पूरी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक संतोष कुमार सिंह ने पैरवी की।

अभियोजन पक्ष का आरोप था कि 16 वर्षीय लड़की 28 सितंबर 2018 को मंडुआडीह क्षेत्र स्थित अपने मौसी के घर आई थी। मौसी से नाराज होकर नौ अक्टूबर की रात 11 बजे वह घर से निकल गई। अभियुक्त पंकज केशरी उसे बहला फुसलाकर कर गोवा लेकर चला गया। विवेचना के क्रम में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस लड़की के परिजनों को साथ लेकर पांच नवंबर 2018 को गोवा पहुंची और लड़की को बरामद कर लिया। लड़की का मेडिकल जांच कराने के साथ ही पुलिस ने अदालत में कलमबंद बयान दर्ज कराया। लड़की ने अदालत में बयान दिया कि पंकज केशरी बहला-फुसलाकर उसे गोवा ले गया और शादी का झांसा देकर उससे शारीरिक संबंध बनाता रहा।

उधर, एक मड़ई में सो रही नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने चोलापुर थाना क्षेत्र के गन्नारी गांव निवासी अभियुक्त अरविंद हरिजन को पांच साल के साश्रम कारावास एवं सात हजार रुपया जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने अभियुक्त द्वारा जुर्माना देने पर छह हजार रुपया पीड़िता को बतौर क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है।

उक्त अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक मधुकर उपाध्याय ने पैरवी की। आरोप था कि 12 वर्षीय लड़की अपने मामा की शादी में शामिल होने बड़ागांव थाना क्षेत्र स्थित उनके घर आई थी। चार जुलाई 2015 की रात वह मड़ई में सोई थी कि अभियुक्त अरविंद हरिजन तीन बजे भोर में उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास करने लगा। लड़की के शोर मचाने पर अभियुक्त भाग निकला था।

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