परिषदीय विद्यालय : अब शिक्षकों को करना होगा स्वमूल्यांकन, वाराणसी में खंड शिक्षाधिकारी सत्यापन कर देंगे अंक
निजी कंपनियों की भांति परिषदीय विद्यालयाें के शिक्षकों को अब स्वमूल्यांकन करना होगा। इसके लिए मानव संपदा पोर्टल स्वमूल्यांकन का विकल्प बनाया जा रहा है ताकि शिक्षक आनलाइन अपना मूल्यांकन कर सके। इसके बाद सत्यापन खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) इसका सत्यापन कर अंक देंगे।
वाराणसी, जेएनएन। निजी कंपनियों की भांति परिषदीय विद्यालयाें के शिक्षकों को अब स्वमूल्यांकन करना होगा। इसके लिए मानव संपदा पोर्टल स्वमूल्यांकन का विकल्प बनाया जा रहा है ताकि शिक्षक आनलाइन अपना मूल्यांकन कर सके। इसके बाद सत्यापन खंड शिक्षाधिकारी (बीईओ) इसका सत्यापन कर अंक देंगे। वहीं अंत में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दोनों मूल्यांकनों का सत्यापन करने हुए विभिन्न बिंदुआें पर अंक देंगे। इस प्रकार शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय अख्या पर अंकाें पर आधारित होगी।
दरअसल कोरोना काल में जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालय अब भी बंद चल रहे हैं। इसके चलते इस वर्ष विद्यार्थियों व शिक्षकाें की उपस्थिति के आधार पर गोपनीय रिपोर्ट तैयार करना संभव नहीं है। इसे देखते हुए इस वर्ष आपरेशन कायाकल्प, दीक्षा पोर्टल का उपयोग, लर्निंग आउटकम की अंतिम परीक्षा, एसएमसी की बैठक, छात्रों द्वारा पुस्तकालय का प्रयोग जैसे मानकों को आधार बनाने की तैयारी चल रही है। इन पैरामीटराें पर अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं। जिन शिक्षकों का प्रदर्शन जितना अच्छा होगा। उन्हें उनका ही अच्छे अंक मिलेंगे। भविष्य में इंक्रीमेंट व पदोन्नति से भी जोड़ा जा सकता है। स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आनंद की ओर से जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि इस वर्ष शिक्षकों की वार्षिक गोपनीय आख्या मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से आनलाइन होगी। 15 अप्रैल से 15 मई तक शिक्षक अपना स्वमूल्यांकन कर सकते हैं। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी को 31 मई तक अंतिम रूप से आनलाइन रिपोर्ट सबमिट करने का निर्देश दिया गया है।