बलिया जिले में जल संचयन के नाम पर मामूली काम कराकर डकार गए करोड़ों रुपये, रिपोर्ट से किया गुमराह

भूमि संरक्षण एवं जलसंसाधन विभाग वर्ष 2016-17 में पानी से लबालब वर्षो पुराना दलछपरा श्रीनगर कुण्ड में व सोनवानी गांव के तालाब में करोड़ो रूपये खर्च कर मिट्टी व पक्का कार्य पूरा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 14 Dec 2019 07:10 AM (IST) Updated:Sat, 14 Dec 2019 07:10 AM (IST)
बलिया जिले में जल संचयन के नाम पर मामूली काम कराकर डकार गए करोड़ों रुपये, रिपोर्ट से किया गुमराह
बलिया जिले में जल संचयन के नाम पर मामूली काम कराकर डकार गए करोड़ों रुपये, रिपोर्ट से किया गुमराह

बलिया, जेएनएन। जल संरक्षण के नाम पर करोड़ों के घोटाले का मामला प्रकाश में आया है। भूमि संरक्षण एवं जलसंसाधन विभाग वर्ष 2016-17 में पानी से लबालब भरा वर्षो पुराना दलछपरा, श्रीनगर कुण्ड में व सोनवानी गांव के तालाब में करोड़ो रूपये खर्च कर मिट्टी व पक्का कार्य पूरा कर दिया था। इस मामले में विधायक सुरेन्द्र ङ्क्षसह की शिकायत पर तीन सदस्यीय जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में तालाब में पानी भरे होने की बात बताते हुए वास्तविक मूल्यांकन न होने की बात कहकर विभाग को बचाने का प्रयास किया है। 

बैरिया विकासखण्ड अंतर्गत दलछपरा, श्रीनगर कोलनाला वर्षो पुराना कुण्ड है। ग्रामीणों की माने तो इस कुण्ड का पानी कभी सूखता नहीं है। इसी कुण्ड को भूमि संरक्षण व जल संसाधन विभाग ने वर्ष 2016-17 में 36.98 लाख की लागत से जीणोद्धार एवं घाट वैंच व टी गार्ड का निर्माण कार्य किया। इससे कच्चा कार्य 18.94 लाख व पक्का कार्य 18.03 लाख रुपये से होना बताया गया है। वहीं बेलहरी विकासखण्ड अंतर्गत सोनवानी गांव में तलाब का सुंदरीकरण कार्य 43.44 लाख रुपये से हुआ है। 

उक्त सभी कार्यो की शिकायत बैरिया विधायक सुरेन्द्र सिंह ने 20 फरवरी 2019 को शासन को पत्र लिखकर किया है। जिससे कार्यो की जांच का जिम्मा उपजिलाधिकारी बैरिया, अधिशासी अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व अधिशासी अभियंता सिचाई विभाग को दिया गया। तीन सदस्यीय जांच टीम ने दलछपरा, श्रीनगर कोलनाला के जीणोद्धार के मामले में अपने जांच रिपोर्ट में कहा है कि तलाब पानी से भरा हुआ है। सीढिय़ां पानी से डूबी हुई हैं। बंधे की मिट्टी जगह-जगह तलाब में बह गई है। जिससे वास्तविक मूल्यांकन करना सम्भव नहीं है। इस संबंध में स्थानीय लोगों का कहना है कि जांच टीम कुण्ड में जितना पानी बता रही है, उतना पूरे वर्ष पानी भरा रहता है। ऐसे में मिट्टी कार्य कब और कैसे हो गया। यह बड़ा घालमेल है। थोड़ा बहुत पक्का कार्य करके पूरे धन का बंदरबांट कर लिया गया है।

बोले अधिकारी : चार वर्ष पूर्व कार्य हुआ है, ऐसे में बरसात के बाद मूलरूप कैसे दिखाई देगा। पानी कम होने के बाद ही असल तस्वीर सामने आ पाएगी। यह मामला संज्ञान में है।  -मोती राम, भूमि संरक्षण अधिकारी।

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