वाराणसी में 10 से 15 फीसद बच्चों को भी संक्रमित कर रहा कोरोना, डाक्टर के परामर्श के मुताबिक कराएं जांच
बच्चों में कोविड का लक्षण बड़ों के मुकाबले थोड़ा अलग होता है। उल्टी दस्त पेट में दर्द बुखार भूख न लगना सर्दी खांसी सिरदर्द एवं बदन दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं।परिवार का कोई अन्य सदस्य भी संक्रमण से ग्रसित है तो फौरन उसकी कोविड जांच करानी चाहिए।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में बच्चों में संक्रमण की दर बढ़ी है। करीब करीब 10 से 15 फीसद बच्चे इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. अशोक राय के मुताबिक नवजात शिशुओं से लेकर 18 साल की उम्र तक का कोई भी बच्चा संक्रमित हो सकता है। इसलिए उनकी सेहत को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
बच्चों में कोविड का लक्षण बड़ों के मुकाबले थोड़ा अलग होता है। उल्टी, दस्त, पेट में दर्द, बुखार, भूख न लगना, सर्दी, खांसी, सिरदर्द एवं बदन दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं। ऐसे लक्षणों वाले बच्चे चिकित्सक के पास पहुंच रहे हैं। काफी बच्चों में हल्की सर्दी, हल्का बुखार भी होता है। कुछ में तो कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता। यदि इस तरह के लक्षणों से ग्रसित बच्चा हो और परिवार का कोई अन्य सदस्य भी संक्रमण से ग्रसित है, तो फौरन उसकी कोविड जांच करानी चाहिए।
बच्चे के संक्रमित होने पर यह करे मां
बहुत छोटे बच्चे भी कोविड के शिकार हो जा रहे हैं। यदि बच्चा मां से अलग रह सकता है तो उसे 10 दिन के लिए अलग कर दें। यदि बच्चा मां का दूध पीता है तो मां मास्क लगाकर दूध पिला सकती है। मां के संक्रमित होने पर अमूमन बच्चे भी संक्रमित हो जाते हैं।
पाजिटिव आने पर डाक्टर की सलाह से शुरू करें दवा
ऐसे लक्षण होने पर तुरंत आरटीपीसीआर या एंटीजन टेस्ट करा लेना चाहिए। पाजिटिव आने पर दवा शुरू कर दें। बच्चों को एंटी वायरल दवाएं मसलन फेवीपिराविर नहीं देना चाहिए। बच्चों को केवल एजिथ्रोमाइसिन (वजन के अनुसार), आइवरमेक्टिन (वजन के अनुसार), जिंक, विटामिन-सी, विटामिन-डी देें। यदि जरूरत हो तो सर्दी के लिए भी दवा दी जा सकती है। बच्चों में गंभीर संक्रमण काफी कम होता है। इसलिए भर्ती करने की जरूरत कम पड़ती है। बहुत ही कम बच्चों में मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेट्री सिंड्रोम (एमआइएस-सी) नामक परेशानी हो जाती है, जो कि जानलेवा हो सकती है। इसलिए चिकित्सक से परामर्श कर संक्रमण पर नजर रखने के लिए ब्लड जांच कराते रहें।
ऐसे करें बचाव
- बच्चों को बाहर खेलने न भेजें।
- बाहर जाना जरूरी हो तो ट्रिपल लेयर मास्क का प्रयोग करें।
- हाथों को साफ करते रहें।
- शारीरिक दूरी के नियम का सख्ती से पालन करें।