कोरोना संक्रमण से मृतक आश्रित की ठीक नहीं है दशा तो मिलेगा मुआवजा, आपदा कोष से मिलेगी आर्थिक सहायता

कोविड संक्रमण के कारण किसी की मौत होने पर आश्रितों को सरकारी मदद का प्रावधान है लेकिन जानकारी के अभाव में लाेग लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कोरोना ड्यूटी में जान गंवाने वालों के अलावा अन्य मृतक के आश्रित ने अभी तक मुआवजे के लिए आवेदन ही नहीं किया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 11:10 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 11:10 AM (IST)
कोरोना संक्रमण से मृतक आश्रित की ठीक नहीं है दशा तो मिलेगा मुआवजा, आपदा कोष से मिलेगी आर्थिक सहायता
कोविड संक्रमण के कारण किसी की मौत होने पर आश्रितों को सरकारी मदद का प्रावधान है

वाराणसी, जेएनएन। जिले में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा दिया है। कोई मोहल्ला या गली बाकी नहीं, जहां मरीज न हों। कहीं-कहीं तो पूरा का पूरा परिवार ही संक्रमित है। मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ने लगा है। रिक्श चलाने वाला हो या ठेला चलाने वाला, संक्रमण की जद में आकर दम तोड़ रहे हैं। इनकी मौत के बाद आश्रित परिवार पर मानों गमों का पहाड़ टूट रहा है। बच्चों की परवरिश से लेकर घर का खर्च चलाने की चिंता में परिवार बेहाल है। उनकी चिंता का निवारण आपदा विभाग के पास है, लेकिन इसके लिए उन्हें कोविड रिपोर्ट व अन्य जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन करना होगा।

दरअसल, कोविड-19 संक्रमण के कारण किसी की मौत होने पर आश्रितों को सरकारी मदद का प्रावधान है, लेकिन जानकारी के अभाव में लाेग इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कोरोना ड्यूटी में जान गंवाने वालों के अलावा अन्य किसी भी मृतक के आश्रित ने अभी तक मुआवजे के लिए आवेदन ही नहीं किया है। जनपद में 21 अप्रैल तक कोरोना से कुल 461 लोगों की मौत हो चुकी है। ड्यूटी के दौरान मौत होने पर सरकारी कर्मियों के आश्रितों को 50 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का प्रावधान है। सरकारी महकमा इस मामले में कार्यवाही कर भी रहा है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर आश्रित को इसका कुछ पता ही नहीं। कोरोना पाजिटिव की मौत के बाद डेथ आडिट होती है। कोरोना से मौत की पुष्टि होने पर संबंधित क्षेत्र के सीओ आपदा विभाग को इसकी सूचना देते हैं। इसके बाद मृतक के परिवारीजन आपदा विभाग में मुआवजे के लिए आवेदन कर सकते हैं।

दस्तावेज हैं जरूरी 

कोरोना पाजिटिव मरीज की मौत होने पर मुआवजे के लिए आपदा विभाग में आवेदन करना होता है। इसके लिए कोरोना से मौत का प्रमाण-पत्र, आवासीय प्रमाण पत्र व आश्रित के पासबुक की छायाप्रति सहित आर्थिक रूप से कमजोर परिवार का सक्षम अधकिारी द्वारा निर्गत सत्यापन रिपोर्ट जरूरी होता है।

आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो मिलेगा मुआवजा 

एडीएम (फाइनेंस) संजय कुमार के मुताबिक इकलौते कमाने वाले की मौत होने पर या परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने की दशा में राज्य सरकार की ओर से मुआवजे का प्राविधान है, फिर चाहे वह सड़क दुर्घटना में हो या गंभीर बीमारी के कारण। सीएम राहत कोष या आपदा कोष के माध्यम से ऐसे परिवारों की मदद की जाती है। कोरोना के मामले में ऐसा कोई अलग से आदेश नहीं है। मगर कोरोना से मौत मामले में यदि आश्रित आवेदन करते हैं तो जांच पूरी करने के बाद फाइल शासन को भेज दी जाएगी। मुआवजे को लेकर शासन अपने स्तर पर निर्णय लेगा।

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