Corona Infection in Varanasi : 4981 की जांच में मिले छह पाजिटिव, नौ मरीज हुए ठीक

बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल की लैब से गुरुवार को मिले 4981 सैंपलों के परिणाम में केवल छह पाजिटिव मिले। नए मरीजों को हाेम आइसोलेशन का निर्देश देते हुए कमांड सेंटर से उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:10 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:10 AM (IST)
Corona Infection in Varanasi : 4981 की जांच में मिले छह पाजिटिव, नौ मरीज हुए ठीक
बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल की लैब से गुरुवार को मिले 4981 सैंपलों के परिणाम में केवल छह पाजिटिव मिले।

वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू व मंडलीय हास्पिटल की लैब से गुरुवार को मिले 4981 सैंपलों के परिणाम में केवल छह पाजिटिव मिले। नए मरीजों को हाेम आइसोलेशन का निर्देश देते हुए कमांड सेंटर से उनके स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है। होम आइसोलेशन के सात एवं अस्पतालों में भर्ती दो मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें स्वस्थ घोषित कर दिया गया। जिले में अब तक 82209 पाजिटिव केस मिले हैं, जिनमें से 81295 स्वस्थ भी हो चुके हैं और 773 की मौत हो चुकी है। वहीं विभिन्न लैबाें में 3472 सैंपल पेंडिंग है, जिनके परिणाम का इंतजार है।

550 बच्चों की जांच में एक पाजिटिव 

घर-घर जाकर बच्चों की कोरोना जांच के क्रम में गुरुवार को 550 सैंपलों के परिणाम आए, जिनमें एक की रिपोर्ट पाजिटिव रही। 13 से 18 वर्ष तक के 180 बच्चों में एक पाजिटिव मिला, जबकि जन्म से पांच वर्ष के 161 एवं छह से 12 वर्ष तक के 209 बच्चों में सभी की रिपोर्ट निगेटिव रही। अब तक 17337 बच्चों की जांच में 35 की रिपोर्ट पाजिटिव मिल चुकी है। एसीएमओ डा. एसएस कनौजिया के मुताबिक सभी बच्चे होम आइसोलेशन में हैं। रैपिड रिस्पांस टीम उनकी लगातार निगरानी कर रही है।

मातृ मृत्युदर के मामले में सुधार

कोरोना की दूसरी लहर ने भले ही स्वास्थ्य महकमे के सामने कड़ी चुनौती पेश की, लेकिन मातृ मृत्युदर के मामले में यह दौर सराहनीय रहा। अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 तक मंडल स्तर पर 210 मौतें दर्ज हुईं। 11 महीने में औसतन 19.09 मौत हर माह हुई। वहीं अप्रैल व मई 2021 यानी दूसरी लहर के पीक पर रहने के दौरान यह आंकड़ा महज 22 रहा। यानी हर माह 11 मौतें। पहली लहर में जहां मुकाबले दूसरी लहर में हर माह 57.62 फीसद मौतें हुईं और मातृ मृत्युदर में 42.37 फीसद की कमी दर्ज की गई। इसकी वजह जहां स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता रही तो वहीं परिवारीजनों की अतिरिक्त सजगता व महामारी के दौर में बेहतर खान-पान और स्वस्थ आदतें रहीं। महामारी के दौर में डाक्टरों को इसके लिए पहले से ही निर्देशित किया गया है। सीएमओ डा. वीबी सिंह ने बताया कि जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर व आराजीलाइन को फर्स्ट रेफरल यूनिट बनाने के साथ ही वहां जरूरत पड़ने पर सर्जरी की व्यवस्था एवं ब्लड स्टोरेज की भी सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

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