कोरोना ने ठंडे के बाजार को और भी ठंडा किया, सीजन के शुरुआत में ही वायरस के कहर ने जकड़ा

कोरोना महामारी ने यूं तो सभी व्यवसाय पर प्रभाव डाला है। लेकिन सबसे ज्यादा जो व्यवसाय तबाह हुआ है वह शीतल पेय कंपनियों का। पिछले वर्ष भी जैसे ही गर्मी की शुरुआत हुई तो भारत में कोरोना ने पैर पसार दिया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 01:26 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 01:59 AM (IST)
कोरोना ने ठंडे के बाजार को और भी ठंडा किया, सीजन के शुरुआत में ही वायरस के कहर ने जकड़ा
कोरोना महामारी ने यूं तो सभी व्यवसाय पर प्रभाव डाला है।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना महामारी ने यूं तो सभी व्यवसाय पर प्रभाव डाला है। लेकिन सबसे ज्यादा जो व्यवसाय तबाह हुआ है वह शीतल पेय कंपनियों का। पिछले वर्ष भी जैसे ही गर्मी की शुरुआत हुई तो भारत में कोरोना ने पैर पसार दिया। इस कारण पिछले वर्ष 24 मार्च से देश में लॉकडाउन लगा दिया गया। कोरोना के फेर में पिछले साल की गर्मी बीत गयी। जब तक कोरोना का कहर कम हुआ तब तक ठंडी आ गयी। कोल्डड्रिंक व्यापारियों को इस बार गर्मी में अधिक लग्न होने के कारण अच्छा व्यवसाय होने की उम्मीद थी। कोरोना महामारी के फेर में इस बार भी व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोल्डड्रिंक व्यापारी अब भुखमरी के कगार पर हैं। 

लाखों का निवेश मुनाफा शून्य

वरुणापार में विभिन्न कंपनियों के कोल्डड्रिंक के डीलर राजन कुमार ने बताया कि शीतल पेय कंपनी के व्यवसाय से जुड़े व्यापारी दो वर्षों से बर्बाद हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पेप्सी, कोकाकोला सहित अन्य कंपनियों में करीब 15 से 20 लाख रुपये की नकदी फंसी है। कोरोना के कारण व्यवसाय तबाह हो गया है। अब कंपनी रुपये भी वापस नहीं कर रही है कि हम कोई दूसरा व्यवसाय करने की सोचें। 

ज्यादातर माल हो गए आउटडेटेड

कोल्डड्रिंक व्यवसायियों ने बताया कि पिछले वर्ष फरवरी-मार्च में जो माल हम लोगों ने खरीदा वह एक वर्ष में आउटडेटेड हो गया। कोरोना के कारण माल बिका नहीं लेकिन पूंजी फंस गई। कुछ दुकानदारों को माल बेचने के बाद पैसा देने की बात कही गयी तो वह इस शर्त पर माल लेने को तैयार हुए। लेकिन लगातार मौसम में हो रहे उतार चढ़ाव के कारण ग्राहक कोल्डड्रिंक नहीं खरीद रहे हैं।

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