पर्यावरण के लिए मुफीद है कोरोना बंदी, जौनपुर में आधे से भी कम हो गया वायु गुणवत्ता सूचकांक
जौनपुर कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डा. पंकज जायसवाल ने बताया कि 23 अप्रैल को वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 था। तीस अप्रैल से लगातार चल रही बंदी के कारण कई दिनों तक वाहनों के संचालन में कमी के कारण संतोषजनक स्थिति में आ गया है।
जौनपुर, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर को शांत करने के लिए की गई बंदी जहां संक्रमण की चेन तोड़ने के साथ बेहतर परिणाम दे रही है, वहीं पर्यावरण की दृष्टि से भी काफी मुफीद साबित हो रहा है। बंदी का असर है कि वायुदाब गुणवत्ता सूचकांक 300 से घटकर 68 तक आ गया है। बंदी के चलते वायु के साथ ही ध्वनि, जल प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है। पर्यावरणविदों ने कहा कि यह आंकड़ा भविष्य के लिए शुभ संकेत है। संतुलन बरकरार रहा तो तमाम बीमारियों से भी निजात मिल जाएगी।
पर्यावरण प्रदूषण देश के लिए विकट समस्या बन रहा है। महानगरों ही नहीं छोटे शहरों को भी यह प्रभावित कर रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बीएस-4 वाहनों को बंद कर बीएस-6 वाहन लांच किये जा रहे हैं। इसके अलावा सरकार ने कई और अहम निर्णय भी लिए हैं। वहीं तबाही मचा रही दूसरी लहर को शांत करने के लिए 30 अप्रैल से निरंतर चल रही कोरोना बंदी का असर रहा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक रविवार को घटकर संतोषजनक स्थिति में आ गया, जो मानव स्वास्थ्य के दृष्टिकोष से महत्वपूर्ण है।
कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी डा. पंकज जायसवाल ने बताया कि 23 अप्रैल को वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 था। तीस अप्रैल से लगातार चल रही बंदी के कारण कई दिनों तक वाहनों के संचालन में कमी के कारण संतोषजनक स्थिति में आ गया है।
उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाय जिससे धुएं का अधिकतर भाग अवशोषित हो जाए और अवशिष्ट पदार्थ, गैसें अधिक मात्रा में वायु में न निकलने पाएं। इसके अलावा धुआं रहित चूल्हे, सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन, जीवाश्म ईंधन के कम से कम प्रयोग के साथ ही वनों के अनियंत्रित कटाई पर रोक लगाई जाएगी। उन्होंने जनमानस से आह्वान किया कि वह संकल्प लें कि कम से कम वाहनों का प्रयोग करेंगे और जल व ध्वनि प्रदूषण पर भी ध्यान रखा जाएगा। इससे काफी हद तक हवा की गुणवत्ता ही नहीं पर्यावरण में भी सुधार आएगा।
गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति
दिनांक- वायु गुणवत्ता सूचकांक
12 मई-155
13 मई-150
14मई-145
15 मई-180
16 मई-68
17 मई-145
एयर क्वालिटी एंडेक्ट का यह है असर..
एयर क्वालिटी इंडेक्स- स्वास्थ्य पर प्रभाव
0-50 (अच्छा)-कुछ नहीं
51-100(संतोषजनक)-संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
101 -200(थोड़ा प्रदूषित)- फेफड़े की बीमारी जैसे अस्थमा और हृदय रोग, बच्चों और बड़े वयस्कों के साथ अन्य लोगों के सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
201-300 (खराब)- लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस लेने तकलीफ और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को बहुत असुविधा हो सकती है।
301-400 (बहुत खराब): लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और दिल की बीमारियों वाले लोगों पर अधिक प्रभाव खतरनाक हो सकता है।
401 से 500(गंभीर)- यह आपातकाल कहा जाएगा। स्वस्थ लोगों का भी श्वसन खराब हो सकता है।