काशी में कोरोना ने तोड़ी 67 साल की परंपरा, श्री कालभैरव की शोभायात्रा स्थगित, श्रृंगार सोमवार को

कोरोना के कारण 67 साल से चल रही आ रही परंपरा फिर से टूटने जा रही है। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर से सन 1954 से निकाली जा रही बाबा श्री काल भैरव की स्वर्ण रजत प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा कोविड प्रोटोकाल के चलते स्थगित कर दिया गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 02:01 PM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 02:01 PM (IST)
काशी में कोरोना ने तोड़ी 67 साल की परंपरा, श्री कालभैरव की शोभायात्रा स्थगित, श्रृंगार सोमवार को
कोरोना के कारण काशी में 67 साल से चल रही आ रही परंपरा फिर से टूटने जा रही है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण काशी में 67 साल से चल रही आ रही परंपरा फिर से टूटने जा रही है। स्वर्णकार क्षत्रिय कमेटी की ओर से सन 1954 से निकाली जा रही बाबा श्री काल भैरव की स्वर्ण रजत प्रतिमा की भव्य शोभायात्रा कोविड प्रोटोकाल के चलते स्थगित कर दिया गया है।

इससे भक्ताें को निराश होना पड़ रहा है। हालांकि बाबा का भव्य पूजन श्रृंगार किया जाएगा। इस आयोजन के संबंध में कमेटी के अध्यक्ष किशोर कुमार सेठ ने बताते हैं कि कमेटी द्वारा आषाढ़ सुदी द्वितीया के दिन शोभायात्रा एवं श्रृंगार का आयोजन होता चला आ रहा है। यह तिथि इस साल 12 जुलाई दिन सोमवार पड़ रही है। इसके तहत बाबा के स्वर्ण रजत प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया जाएगा। वहीं काठ की हवेली चौखंबा पर सुबह 10 बजे बाबा का प्रतीकात्मक पूजन कर कार्यक्रम की शुरुआत होगी। इसके बाद बाबा की मूर्ति बाबा श्री कालभैरव जी के दरबार में प्रतिस्थापित कर दी जाएगी।यहां दिनभर पूजन अर्चन एवं श्रृंगार किया जाएगा।

इस दौरान कोरोना जैसे महामारी के विनाश एवं राष्ट्र समृद्धि के लिए बाबा से प्रार्थना व अर्चना की जाएगी। शाम को 12 भू देवों द्वारा बसंत पूजा की जाएगी तथा रात्रि में महाआरती का आयोजन किया जाएगा। बताया कि इस वर्ष मंदिर प्रांगण से ही प्रसाद वितरण किया जाएगा। उन्होंने काशी के सभी भैरव भक्तजन से बाबा की श्रृंगार दर्शन में शामिल होने की अपील की।

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