वाराणसी में रोप वे परियोजना के डीपीआर काे कंपनी ने किया पेश, सात सितंबर को दोबारा बैठक
जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के साथ वाराणसी विकास प्राधिकरण के अफसरों की मौजूदगी में तय हुआ कि कंपनी रेखांकित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के सापेक्ष एक बारगी फिर से भौतिक सत्यापन कर ले जिसके आधार पर धरातली रिपोर्ट तैयार कर एक बारगी फिर सात सितंबर को बैठक कर ली जाए।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : नगर में रोप-वे परियोजना को जमीन पर उतारने के लिए बुधवार की रात अहम बैठक हुई। इसमें अध्यक्षता कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा के साथ वाराणसी विकास प्राधिकरण के अफसरों की मौजूदगी में तय हुआ कि कंपनी रेखांकित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट के सापेक्ष एक बारगी फिर से भौतिक सत्यापन कर ले जिसके आधार पर धरातली रिपोर्ट तैयार कर एक बारगी फिर सात सितंबर को बैठक कर ली जाए। इसमें हर पहलू पर मंथन कर डीपीआर को फाइनल किया जाए ताकि उससे प्रदेश सरकार के माध्यम से केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय तक भेजा जा सके।
हर एक किलोमीटर पर स्टेशन : बैठक में डीपीआर तैयार करने वाली कंपनी वैपकास ने अफसरों के समक्ष प्रस्तुतीकरण किया। जिलाधिकारी ने बताया कि रोप-वे की डीपीआर तैयार हो गई है। पहले चरण में कैंट से गोदौलिया तक रोप-वे को आकार दिया जाएगा। हर एक किलोमीटर पर स्टेशन बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके तहत करीब पांच स्टेशन बनेंगे। पहला स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन होगा तो दूसरा साजन तिराहा। ऐसे ही रथयात्रा, लक्सा, गोदौलिया पर स्टेशन बनाया जाएगा। कंपनी को निर्देश दिया गया है कि जहां स्टेशन बनने हैं और रोप-वे के लिए जिस स्थान पर पिलर निर्माण करना है। सभी स्थानों को एक बारगी फिर से देख लें। वहां कोई बड़ी बाधा हो तो रिपोर्ट में इंगित करें ताकि उसके समाधान की रूपरेखा पर भी मंथन कर डीपीआर को फाइनल किया जा सके।
परियोजना पर 424 करोड़ खर्च होने का अनुमान : परियोजना के लिए 80 फीसद धनराशि केंद्र सरकार देगी तो 20 फीसद की जिम्मेदारी प्रदेश सरकार उठाएगी। परियोजना पर 424 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। इससे पांच किलोमीटर लंबा रोप-वे रूट तैयार किया जाएगा। पहला चरण परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट होगा। इसे लेकर दो सप्ताह पूर्व लखनऊ व वाराणसी के अधिकारियों की वर्चुअल बैठक हो चुकी है। इसमें परियोजना को धरातल पर उतारने की सहमति पहले ही बन गई है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर पूरी होने वाली परियोजना में वेबिलिटी गैप फंडिंग का भी आकलन किया गया है।