पत्‍नी की जगह मीटिंग में आने से आजिज नगर आयुक्त ने पार्षद पतियों से कहा- 'मीटिंग में मत आइए'

क्षेत्र की समस्या बताने के लिए नगर आयुक्त ने बुधवार को बुलाया था दो जोन के पार्षदो को मगर उनके साथ पति को देखकर वे बिफर गए।

By Edited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 01:56 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 06:41 PM (IST)
पत्‍नी की जगह मीटिंग में आने से आजिज नगर आयुक्त ने पार्षद पतियों से कहा- 'मीटिंग में मत आइए'
पत्‍नी की जगह मीटिंग में आने से आजिज नगर आयुक्त ने पार्षद पतियों से कहा- 'मीटिंग में मत आइए'

वाराणसी, जेएनएन। क्षेत्र की समस्या बताने के लिए नगर आयुक्त ने बुधवार को बुलाया था दो जोन के पार्षदों को, मगर उनके साथ पति को देखकर वे बिफर गए। पति का परिचय सुनकर नगर आयुक्त गौरांग राठी ने कहा आप महिलाओं को क्यों नहीं भेजते। अगली मीटिंग से आप मत आइएगा, पार्षद को भेजिएगा। उन्हें अपनी बात रखने दीजिए। बैठक में उपस्थित पूर्व पार्षद भाजपा के अशोक मिश्रा से कहा आप लोगों से बाद में बात करेंगे। पहले पार्षदों की समस्या सुन लें। नगर आयुक्त गौरांग राठी ने बुधवार को नगर की समस्याओं को जानने के लिए कोतवाली और भेलूपुर जोन के पार्षदों को बातचीत के लिए बुलाया था।

परिचय का सिलसिला शुरू हुआ तो पार्षदों ने अपने बारे में बताना शुरू किया। इसी दौरान पार्षदों के बीच बैठे नवाबगंज के पार्षद पति अनिल शर्मा की बारी आई। उन्होंने अपना परिचय पार्षद पति बताते हुए दिया। इस पर नगर आयुक्त ने कहा कि आपकी पार्षद तो एक्टिव हैं, उन्हें भी लाना चाहिए। साथ ही कहा कि सीडीओ के कार्यकाल के दौरान हमने सभी महिला प्रधानों की बैठक में भागीदारी सुनिश्चित की थी। आप लोग भी उन्हें भेजें। भले ही साथ आप आएं। नगर आयुक्त के इतना सुनाते ही विरदोपुर के पार्षद पति विनोद भारद्वाज वहां से खिसक लिए। उनके पास ही तुलसीपुर के पार्षद पति पुन्नूलाल बिंद भी बैठे थे।

इतना होने के बाद उन्होंने अपना परिचय देना जरूरी नहीं समझा। नगर आयुक्त ने कोतवाली और भेलूपुर जोन के पार्षदों से दो शिफ्ट में बारी-बारी से समस्याओं के बारे में विस्तार से बात की। सभी से दो प्रमुख समस्या एक सफाई व सीवर और दूसरा पेयजल से संबंधित थी। उन्होंने पार्षदों को भरोसा दिलाया कि एक महीने में असर दिखेगा। इस दौरान रवींद्र सिंह, राजेश यादव चल्लू, संतोष शर्मा, राजेश केशरी, संजय गुप्ता, विनीत सिंह, कमल पटेल, डॉ. अख्तर, सीताराम केशरी, प्रदीप कसेरा आदि उपस्थित थे।

पार्षदों को लाने का स्पष्ट निर्देश नहीं था - नगर आयुक्त द्वारा पार्षदों को बैठक में लाने के लिए जोर देने पर उनके पति नाराज दिखे। अनिल शर्मा का कहना था कि बुलावे में यह नहीं कहा गया था कि पार्षद से मिलना है। अगर ऐसा होता तो जरूर लेकर जाते। विनोद भारद्वाज का कहना था कि हम तो ऐसे ही गए थे। पांच मिनट बाद ही बैठक से निकल गए। पुन्नूलाल बिंद ने कहा कि नगर आयुक्त ऐसा सोचते हैं तो जरूर भेजेंगे। हमारी पार्षद नगर निगम की बैठकों के साथ क्षेत्र में भी जातीं हैं।

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