Commercial Tax : प्रदेश भर में टैक्स चोरी के लिए बनी 64 फर्जी फर्मों का पंजीयन रद
वाणिज्य कर विभाग ने प्रदेश भर में अवैध रूप से कारोबार करने वाली 64 फर्जी फर्मों का पंजीयन रद कर दिया है। प्रदेश के सभी जोन अधिकारियों को पत्र लिखकर इनकी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) ब्लाक कराने का अनुरोध किया है।
वाराणसी [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। वाणिज्य कर विभाग ने प्रदेश भर में अवैध रूप से कारोबार करने वाली 64 फर्जी फर्मों का पंजीयन रद कर दिया है। ये फर्में वाराणसी सहित आसपास के जिलों में पंजीकृत थीं। इन फर्मों ने लगभग 51.93 करोड़ रुपये की कर चोरी की है। तीन साल की जांच में यह पाया गया कि ये फर्में अस्तित्व में ही नहीं है। विभाग ने गाजियाबाद, मुरादाबाद, आगरा, कानपुर, गोरखपुर सहित प्रदेश के सभी जोन अधिकारियों को पत्र लिखकर इनकी आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) ब्लाक कराने का अनुरोध किया है। इसके साथ ही कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। फिलहाल यहां से 9.24 करोड़ की आइटीसी ब्लाक की गई है।
वाणिज्य विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा (एसआइबी) जोन प्रथम ग्रेड टू के अपर आयुक्त मिथिलेश शुक्ला बताते हैं कि फर्जी फर्मों पर नकेल कसने के लिए अभी भी अभियान चलाया जा रहा है। आइटीसी का लाभ लेने के लिए फर्जी फर्म पंजीकृत कराई गई थी। इन फर्मों के माध्यम से व्यापार तो किया जाता रहा, लेकिन सरकार को राजस्व नहीं दिया गया। वास्तव में जीएसटी पंजीयन के बाद 90 दिनों तक व्यापार करने की छूट दी जाती है। ऐसे में फर्जी फर्में स्थानीय स्तर के साथ ही अन्य जिलों या राज्यों में से खरीद-बिक्री करती हैं। हालांकि जब तीन माह बाद टैक्स जमा नहीं होता है तो जांच की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। इसमें अधिकारी आनलाइन पत्रावलियों के माध्यम से फर्मों का पता व स्थान एकत्रित करते हैं। इन फर्मों के साथ भी ऐसा ही हुुआ। भौतिक सत्यापन में एसआइबी के अधिकारियों ने इन फर्मों के बारे में सूचनाएं संकलित कीं। इसमें पता चला कि ये फर्में कहां से माल खरीदतीं और कहां बेचती हैं। इसके आधार पर की गई जांच में वित्तीय वर्ष 2017-18 से लेकर 2019-20 तक से जुड़ी 64 फर्जी फर्में पकड़ी गई हैं। अपर आयुक्त ने बताया कि अभी पिछले माह भी दो फर्में मिली हैं, जिनकी जांच चल रही है।