पूर्वांचल में गंगा की लहरें दो दिनों से मचा रहीं तबाही, वरुणा नदी में भी उफान से लोगों का पलायन जारी
पूर्वांचल में गंगा की लहरें दो दिनों से गाजीपुर और बलिया जिले में तबाही मचा रही हैं। वहीं वाराणसी में भी गंगा चेतावनी बिंदु से ऊपर खतरा बिंदु की ओर लगातार अग्रसर हैं।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में गंगा की लहरें दो दिनों से गाजीपुर और बलिया जिले में तबाही मचा रही हैं। वहीं वाराणसी में भी गंगा चेतावनी बिंदु से ऊपर खतरा बिंदु की ओर लगातार अग्रसर हैं। प्रति घंटे एक सेंटीमीटर की गति के साथ ही अब प्रयागराज में दो सेंटीमीटर प्रतिघंटा की गति होने से चिंता और बढ़ गई है। उम्मीद है मंगलवार की रात तक वाराणसी में भी गंगा खतरा बिंदु पार कर जाएंगी।
सूबे के नगर विकास एवं जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन ने मंगलवार को वाराणसी में बाढ़ इलाकों का दौरा करने के बाद कहा कि तटीय इलाकों में रहने वाले लोग हर साल बाढ़ की विभीषिका का सामना करते हैं। उनके लाखों रुपये बर्बाद हो जाते हैं, ऐसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने को लेकर यह एक बड़ा मुद्दा है जिस पर विचार किया जा रहा है। बाढ़ प्रभावित सरैयां और कोनिया क्षेत्र का दौरा किया। सरैयां प्राथमिक विद्यालय में स्थापित बाढ़ राहत कैंप में रह रहे लोगों से खाना, पानी तथा दवाओं के मिलने के बारे में पूछा। एसडीएम सदर ने बताया कि 23 परिवार के 112 लोग इस कैंप के साथ आसपास के मदरसों में रह रहे हैं। कुल 375 लोग हैं। साथ में वरुणा नदी के तट तक जाकर बढ़ते जलस्तर से डूबे हुए घरों को देखा। ताला बंद करके राहत शिविर में रह रहे लोगों के घरों के सामानों की सुरक्षा करने के लिए पुलिस को दिन-रात गश्त करने को कहा। प्रथम तल पर पानी भरने और दूसरे तल पर रहे लोगों को खाद्य सामग्री समेत पानी उपलब्ध कराने को कहा।
बलिया जिले में सीएम योगी आदित्यनाथ भी बाढ़ की तबाही का जायजा लेने पहुंचे हैं। वहीं वाराणसी में भी गंगा अब धीरे धीरे एक सेमी प्रति घंटे की गति से शहर में प्रवेश करने लगी हैं। शहर में 2013 की गंगा में बाढ़ की विभीषिका लोगों की नजरों एक बार फिर तैरने लगी है। वहीं गंगा में पलट प्रवाह की वजह से सहायक नदी वरुणा में भी उफान है और तटवर्ती इलाकों में पानी घरों में घुसने के बाद लोग पलायन कर रहे हैं।
जिला | खतरा | चेतावनी | वर्तमान | रुख |
मीरजापुर | 77.72 | 76.724 | 77.03 | बढ़ाव |
वाराणसी | 71.26 | 70.26 | 71.02 | बढ़ाव |
गाजीपुर | 63.10 | 62.10 | 63.79 | बढ़ाव |
बलिया | 57.61 | 56.61 | 59.14 | बढ़ाव |
पूर्वांचल में गंगा नदी की तबाही : अब पूर्वांचल के सभी जिले गंगा में बाढ़ की जद में आ चुके हैं। मीरजापुर, भदोही और वाराणसी जिला जहां चेतावनी बिंदु को पार कर चुका है वहीं गाजीपुर और बलिया जिले में गंगा खतरा बिंदु से ऊपर तबाही मचा रही हैं। जबकि सभी जिलों में गंगा में बढाव का रुख होने से चिंता बढ़ गई है। वहीं सोमवार को बलिया जिले में दुबेछपरा रिंग बंधा टूटने के बाद से गंगा की लहरें कई अन्य गांवों को भी जद में लेने को बेताब हैं।
मध्यप्रदेश से आई तबाही : पूर्वांचल में गंगा में उफान दरअसल गंगा की स्वयं की नहीं बल्कि मध्य प्रदेश की देन है। मध्य प्रदेश में लगातार माह भर से बारिश के बाद वहां की नदियों में उफान आने के बाद पानी छोड़ दिया गया जो चंबल के रास्ते इटावा के पंचनद में पहले यमुना के जल में मिला और फिर प्रयागराज में संगम के रास्ते अब पूर्वांचल में गंगा तबाही की ओर रुख कर चुकी हैं। अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कौशांबी जिले के शहजादपुर में गंगा जहां घटाव की ओर दो दिनों से बनी हुई हैं वहीं प्रयागराज में यमुना के रास्ते तबाही पूर्वांचल में लगातार बढ़ रही है। अगर नदी में उफान का रुख अगले चौबीस घंटों में नहीं थमा तो वाराणसी में भी गंगा तटवर्ती इलाकों को पार कर शहर की ओर रुख कर सकती हैं।
वर्ष 2013 में बाढ़ से मची थी बनारस में तबाही : वाराणसी में हाल के वर्षों में साल 2013 में आई बाढ़ ने सबसे अधिक तबाही मचाई थी। असि व नगवा के बाद सबसे अधिक बुरा हाल सामने घाट की कई कालानियों का था। इस दौरान लगभग सप्ताह भर तक कालोनियों में नाव से ही लोगों का आवागमन होता रहा। वहीं लोगों को राहत सामग्री भी नाव से ही प्रशासन ने बांटी थी। शहर के लोगों के लिए शायद यह पहला मौका था जब लोगों ने कालोनियों में नाव चलते देखा था। उस समय तारा नगर, जानकी नगर, वैष्णो नगर, रत्नाकर बिहार, मारुति नगर, गायत्री नगर, स्वराज नगर, हरिओम नगर, पटेल नगर आदि कालोनियां शामिल थीं। वहीं वरुणा पार क्षेत्र के पुलकोहना, सलारपुर पैगंबरपुर, दनियालपुर व सरैयां आदि गांव व मोहल्ले शामिल थे।