मीरजापुर में खुद को जीवित साबित करने को भटक रहे भूस्वामी के मामले को सीएम ने लिया संज्ञान

मीरजापुर जिले में पिछले 15 सालों से अपने को जीवत साबित करने के लिए शासन-प्रशासन के अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे भोला सिंह निवासी अमोई तहसील मडि़हान के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sun, 17 Jan 2021 08:22 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jan 2021 09:12 PM (IST)
मीरजापुर में खुद को जीवित साबित करने को भटक रहे भूस्वामी के मामले को सीएम ने लिया संज्ञान
भोला सिंह निवासी अमोई तहसील मडि़हान के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है।

मीरजापुर, जेएनएन। पिछले 15 सालों से अपने को जीवत साबित करने के लिए शासन-प्रशासन के अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रहे भोला सिंह निवासी अमोई तहसील मडि़हान  के मामले को  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। सीएम ने शासन के इंटरनेट मीडिया लखनऊ के माध्यम से जिले के डीएम को निर्देशित किया हैं कि पूरे प्रकरण की जांच करायी जाए। अगर भोला जीवित हैं तो उसके नाम को खतौनी में दर्ज किया जाए। साथ ही कहा हैं कि जो भी इस मामले में दोषी अधिकारी या कर्मचारी हो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने एक सप्ताह के अंदर जांच कर कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने को कहा है। 

भोला सिंह पिछले 15 सालों से शासन प्रशासन के पास पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। बताया कि वे सदर तहसील के अमोई गांव के रहने वाले है और दो भाई है। पहले वे हैं दूसरे राजनारायण है। बताया कि 24 दिसंबर 1999 में राजस्व निरीक्षक और लेखपाल अमोई ने मुझे अपनी रिपोर्ट में मृत दिखाकर मेरे भाई राजनारायण का नाम खतौनी में चढ़ा दिया था। इसके बाद मेरे भाई जमीन पर कब्जा करते हुए 27 बिस्वा में से दस बिस्वा भूमि बेच दिए। इसकी जानकारी होने पर विरोध जताया तो मेरे भाई ने कहा कि सारी भूमि उनकी है। मेरा कुछ नहीं है।

इसकी शिकायत शासन व प्रशासन के अधिकारियों से की तो वे मामले को टालते रहे और जांच नहीं की। न्यायालय में गए तो वहां भी मुझे कोई न्याय नहीं मिला। इसके चलते पिछले 15 साल से मेरा मामला न्यायालय में भी चल रहा है। वे तारीख पर भी जाते हैं और तहसीलदार के सामने बयान भी देते हैं। यही नहीं तहसीलदार के सामने जाकर अपने को जीवित बताते हैं फिर भी वे ध्यान नहीं देते हैं। थाने में भी राजस्व निरीक्षक और लेखपाल के खिलाफ तहरीर देकर फर्जी तरीके से मुझे मृत दिखाकर मेरा नाम काटकर खतौनी में मेरे भाई का नाम चढ़ाने के आरोप में मुकदमा पंजीकृत करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। भोला ङ्क्षसह के मामले को जागरण भी पूर्व में कई बार उठा चुका है। जब मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान लिया हैं तो सारे अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। 

बोले अधिकारी : इंटरनेट मीडिया लखनऊ से भोला ङ्क्षसह नाम व्यक्ति के मामले को सीएम ने संज्ञान में लेकर रिपोर्ट मांगी है। इसकी जांच एसडीएम सदर को सौंपकर रिपोर्ट मांगा गया है। जांच में जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।  - प्रवीण  कुमार लक्षकार  जिलाधिकारी।

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