काशी में टूट गईं परंपराओं की बेड़ियां जब अर्थी को थाम लीं बहू और बेटियां varanasi news

चिरईगांव के बरियासनपुर गांव निवासी मृतक रज्जी देवी पत्नी हरिचरण पटेल 80 वर्ष की अर्थी को बहू और बेटियों ने कंधा दिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 18 Sep 2019 09:10 PM (IST) Updated:Wed, 18 Sep 2019 09:30 PM (IST)
काशी में टूट गईं परंपराओं की बेड़ियां जब अर्थी को थाम लीं बहू और बेटियां varanasi news
काशी में टूट गईं परंपराओं की बेड़ियां जब अर्थी को थाम लीं बहू और बेटियां varanasi news

वाराणसी, जेएनएन । चिरईगांव के बरियासनपुर गांव निवासी मृतक रज्जी देवी पत्नी हरिचरण पटेल 80 वर्ष की अर्थी को बहू और बेटियों ने कंधा दिया। रज्जी देवी की मौत बुधवार को चार बजे तड़के हो गयी थी।

  उल्लेखनीय है कि इसी गांव में 22 जुलाई 2018 को संतोरा देवी की मौत पर भी उनकी अर्थी को महिलाओं ने कंधा देकर नयी परिपाटी की शुरुआत की थी। स्व अयोध्या प्रसाद पटेल की प्रेरणा से प्रेरित होकर हरिचरण पटेल की पत्नी रज्जी देवी अर्थी को उनकी बहु लल्ली देवी, रेखा,सुनीता, बेटी प्रेमा, हीरामनी, अमरावती आदि ने कंधा देकर परिपाटी को बरकरार रखा। मुखाग्नि उनकी बड़ी बेटी प्रेमी देवी ने दी। रज्जी देवी के एक मात्र पुत्र भागीरथी प्रसाद ने बताया कि फिजूल खर्ची से बचने के लिए दसगात्र एवं तेरहवीं का कार्यक्रम नहीं होगा। बल्कि तेरहवीं पर शोकसभा कर उनकी याद में वृक्षारोपण किया जायेगा। शवयात्रा में बालकिशुन पटेल, त्रिभुवन, देवराज बाबूलाल आदि शामिल रहे।

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