वाराणसी में बादलों ने आखिरकार डाल दिया डेरा, पूर्वांचल में बूंदाबांदी की बढ़ी आशंका

Cloud in Varanasi वाराणसी में अनुमानोंं के मु‍ताबिक गुरुवार को आखिरकार बहुप्रतीक्षित बादलों ने अपना डेरा वाराणसी सहित पूर्वांचल में डाल दिया। गुरुवार की सुबह आसमान साफ रहा और गलन का दौर भी रहने से लोग ठंड में कांपते रहे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 05:10 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 05:37 PM (IST)
वाराणसी में बादलों ने आखिरकार डाल दिया डेरा, पूर्वांचल में बूंदाबांदी की बढ़ी आशंका
आखिरकार बहुप्रतीक्षित बादलों ने अपना डेरा वाराणसी सहित पूर्वांचल में डाल दिया।

वाराणसी, जेएनएन। अनुमानोंं के मु‍ताबिक गुरुवार को आखिरकार बहुप्रतीक्षित बादलों ने अपना डेरा वाराणसी सहित पूर्वांचल में डाल दिया। गुरुवार की सुबह आसमान साफ रहा और गलन का दौर भी रहने से लोग ठंड में कांपते रहे। दिन में दोपहर तक आसमान में सूरज की रोशनी बनी रही और गुनगुनी धूप लोग सेंकते रहे। दोपहर करीब दो बजे के आसपास आसमान में बादलों की आवाजाही का दौर शुरू हुआ और शाम होते होते बादलों के कब्‍जे में पूरा आसमान आ गया। इसी के साथ ही ठंंडी हवाओं का दौर शुरू हो गया और लोग गर्म कपड़ों में नजर आने लगे। 

बादलों ने कैद किया आसमान

दोपहर बाद आसमान में बादलों के छोटे - छोटे टुकड़े आना शुरू हुए और दिन ढ़लने तक आसमान पूरी तरह बादलों की कैद में हो गया। दिन में जहां धूप गुनगुनी लग रही थी वहीं दोपहर बाद ठंडी हवाएं चलने लगीं और वातावरण में गलन घुलने लगी। तीन बजते बजते आसमान में धूप बादलों की ओट में घुल गई और वातावरण पूरी तरह गलन में डूब गया। ठंडी हवाएं अचानक गलन का अहसास कराने लगीं और शाम पांच बजे तक हवाएं पूरी तरह सिहरन भी पैदा करने लगीं। शाम होते - होते ठंड सिहरन में बदल गई और वातावरण में आर्द्रता का स्‍तर बढ़ता चला गया। रात शुरू होने के बाद गलन और गहराने के साथ ही ठंड घुलने लगी और ठंडी हवाओं की वजह से लोग सिहरते रहे। 

सैटेलाइट तस्‍वीरों ने बढ़ाई चिंता  

मौसम विभाग की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में उत्‍तर भारत से दक्षिणी भारत तक बादलों की च‍क्रवात के चारों ओर घेरा नजर आ रहा है। इसकी वजह से एक ओर जहां बादलों की सक्रियता बढ़ने के पूरे आसार हैं। जबकि, रात में बादलों की सक्रियता अधिक होने की वजह से गलन और ि‍ठिठुरन का दौर भी आ सकता है और सुबह कोहरे की चादर भी तनी रहने की उम्‍मीद है।     

माैसम का मिजाज  

मौसम विज्ञानियों के अनुसार चक्रवात निवार के असर से बादलों का बंगाल की खाड़ी से यह असर हो रहा है। वहीं पहाड़ों पर लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से मैदानी इलाकों तक ठंडक पहुंचने लगी है। इसी के साथ ही पुरवा और पछुआ हवाओं के मेल ने बादलों की सक्रियता के बीच ठंड और गलन को भी न्‍यौता दे दिया है। वातावरण में ठंडक के बीच बादलों की सक्रियता से बूंंदाबांदी का भी असर होने लगा है। मौसम विज्ञानी मान रहे हैं कि वातावरण से पर्याप्‍त नमी मिली तो बूंदाबादी होना तय है। 

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