वाराणसी में सफाई इंतजाम : पंद्रह दिन सूखा व गीला कूड़ा अलग करना बताएंगे, फिर लगाएंगे जुर्माना
वाराणसी नगर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर गत दिनों कमिश्नरी सभागार में नगर निगम व सफाई को अनुबंधित कंपनी एजी एनवायरो के अफसरों के बीच हुए मंथन में एक ही लक्ष्य निर्धारित हुआ कि कचरे के नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर एक तिनका भी नजर न आए।
वाराणसी, जेएनएन। नगर की सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को लेकर गत दिनों कमिश्नरी सभागार में नगर निगम व सफाई को अनुबंधित कंपनी एजी एनवायरो के अफसरों के बीच हुए मंथन में एक ही लक्ष्य निर्धारित हुआ कि कचरे के नाम पर सार्वजनिक स्थानों पर एक तिनका भी नजर न आए। इसके लिए सख्ती का प्रावधान भी किया गया, लेकिन उसके पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा। तय हुआ कि पहले 15 दिन लोगों को सूखा, गीला हानिकारक कचरा अलग करने के बारे में बताएंगे, फिर भी सुधार नहीं होने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
बैठक में यह हुआ कि लोगों को घरों में खुद खरीदकर तीन डिब्बे रखने होंगे। तीनों के रंग अलग-अलग होंगे। हरे डिब्बे में गीला कचरा रखेंगे, नीले रंग के डिब्बे में सूखा तो काले डिब्बे में हेजाड्रर्स यानी हानिकारक कचरा रखा जाएगा। इन कचरों को पृथक करने का कार्य घर में ही करना होगा। इसके लिए कंपनी की ओर से दो अक्टूबर से घर-घर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। लोगों को तीनों कचरे के अंतर को समझाया जाएगा। 15 दिनों तक पृथक नहीं करने पर भी घरों से कचरे का उठान किया जाएगा, मगर सुधार नहीं हुआ तो संबंधित घर पर जुर्माना लगाया जाएगा।
तीन चरणों में होगा कूड़ा उठान
पहले चरण में वरुणापार जोन तो दूसरे चरण में दशाश्वमेध व भेलूपुर तथा तीसरे चरण में कोतवाली और आदमपुर जोन में कड़ा उठान होगा। तीन चरण नवंबर में पूर्ण कर लिए जाएंगे फिर दिसंबर से नगर के पांचों जोन में कूड़ा उठान किया जाएगा।
दो से सुबह छह बजे बजेगी सीटी
घर-घर कूड़ा उठान कार्य दो अक्टूबर से शुरू होगा। सुबह छह बजे सीटी बजाते हुए कंपनी के कर्मचारी कूड़ा उठान के लिए दरवाजे पर होंगे। यह कवायद दोपहर 12 बजे तक चलेगी। चौड़ी गलियों, कालोनियों में गाड़ी जाएगी जिसके पीछे तीन खाने का कंटेनर लगा होगा। संकरी गलियों में हत्था गाड़ी होगी जिसमें तीन तरह के डिब्बे होंगे।
गीला कचरा : रसोई का कचरा, सब्जियों व फलों के छिलके, पका व बचा हुआ भोजन, चिकन व मछली की हड्डियां, अंडे के छिलके, खड़े फल व सब्जियां, चाय व काफी पैग, पत्ते के प्लेट्स, गिरी हुईं पत्तियां, माला-फूल आदि।
सूखा कचरा : प्लास्टिक कवर-बोतल, चिप्स, टॉफी रैपर, प्लास्टिक के बर्तन, दूध-दही के पैकेट, गत्ते के बाक्स, टे्ट्रापैक्स, पेपर कप व प्लेट्स, धातु के कैन, रबड़-थर्माकोल, प्रसाधन सामग्री, बाल आदि।
हेजाड्रर्स कचरा : पैंट ड्रम, सीएफएल बल्ब, ट्यूबलाइट, एक्सपायर दवाइयों के पैकेट व बोतलें, खराब बैटरी, प्रयुक्त सिरिंज, दूषित पट्टियां व बैंडेज आदि।