प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में मिला क्लेम 215, दुर्घटना होने के बाद तुरंत कराएं एफआइआर
12 रुपये वार्षिक प्रीमियम है प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में दो लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मिलती है दुर्घटना में मौत या पूर्ण विकलांगता होने पर 01 लाख मिलता है।
वाराणसी, जेएनएन। दुर्घटना होने के बाद तुरंत कराएं एफआइआर, नहीं तो दावा बेकार, 42 लोगों को मार्च 2020 तक, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में मिला क्लेम 215, लोगों का दावा स्वीकार किया गया प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में, 2015 में इन दोनों बीमा योजना को लांच किया गया था ताकि गरीबों को भी लाभ पहुंचाया जा सके।
12 रुपये वार्षिक प्रीमियम है प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में, 02 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति मिलती है दुर्घटना में मौत या पूर्ण विकलांगता होने पर, 01 लाख मिलता है। आंशिक विकलांगता होने पर, 330 रुपये का वार्षिक प्रीमियम है प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा में, 02 लाख की क्षतिपूर्ति मिलती है बीमाधारक की मृत्यु के पश्चात नॉमिनी को।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना का लाभ कुछ दस्तावेजों के अभाव में गरीब तबके के लोग नहीं उठा पा रहे हैैं। बैैंक अफसरों की मानें तो कई ऐसे मामले आए हैैं जिनमें पीडि़त परिवार की ओर से समय पर दस्तावेज तैयार नहीं कराने से वे चाहकर भी मदद नहीं कर सके। एक तरफ इस बीमा योजना में मार्च 2020 तक देश के करीब 13.53 करोड़ लोग कवर हो चुके हैैं, वहीं दूसरी तरफ जरूरी दस्तावेजों के अभाव में दावा अस्वीकार कर दिया जाता है।
दुर्घटना के बाद जरूर दर्ज कराएं केस
आमतौर पर दुर्घटना के बाद लोग उपचार के लिए जुट जाते हैैं। अस्पताल से फुर्सत नहीं मिलती कि वह एफआइआर दर्ज करा सकें। यदि पीडि़त की इलाज के दौरान मौत हो जाती है और एफआइआर दर्ज नहीं कराया गया तो बीमा कंपनियां उसके दावे को अस्वीकार कर देती हैैं। इसलिए बीमाधारक के परिजन दुर्घटना के तुरंत बाद एफआइआर दर्ज कराएं।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रति जरूरी
बैैंक अफसरों के मुताबिक एफआइआर कॉपी के साथ पोस्टमार्टम रिपोर्ट की प्रतिलिपि भी जरूरी है। नहीं देने पर बीमा कंपनी दावा अस्वीकार कर देगी।
खरीदें पॉलिसी तो दर्ज कराएं नॉमिनी का नाम
बीमा का प्रीमियम जमा होने के बाद नॉमिनी का नाम न दर्ज होने की दशा में भी पीडि़त परिवार दावा नहीं कर पाता। इसलिए पॉलिसी खरीदते समय नॉमिनी का नाम अवश्य दर्ज कराएं।
45 दिनों में दावा करने का प्रावधान
दुर्घटना में मृत्यु या आंशिक व पूर्ण विकलांगता होने की दशा में दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर यदि दावा प्रस्तुत नहीं किया जाता तो भी बीमा कंपनियां अस्वीकार कर देती हैैं।
मृत्यु प्रमाण पत्र जरूरी
शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्रों में सचिव द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र संलग्न करने के बाद ही दावा किया जा सकता है।
इनको मिला लाभ
चौकाघाट ढेलवरिया निवासी सुमन शर्मा 25 जुलाई 2017 को खाना बनाते झुलस गई थीं जिनका उपचार के दौरान निधन हो गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा कराया था उसमें उनके पति दिलीप शर्मा नॉमिनी थे। सारे दस्तावेज बैैंक को उपलब्ध कराने के बाद लगभग पांच से छह माह के बाद दावा स्वीकार कर बीमा कंपनी ने भुगतान कर दिया।
बोले अधिकारी
बीमा कंपनियों की नियमावली में दर्ज दस्तावेजों को पीडि़त परिवारों द्वारा उपलब्ध नहीं कराने पर मदद नहीं कर पाएंगे और दावा अस्वीकार कर दिया जाएगा। परिजनों से अपील है कि संबंधित दस्तावेज जरूर जुटाएं। बीमा का प्रतिवर्ष रिनुवल कराना जरूरी है। यदि खाते से प्रीमियम न कटे तो बैंक में करें संपर्क। - मिथलेश कुमार, लीड बैैंक मैनेजर।