व्हाट्सएप ग्रुप से ही अगली कक्षा में प्रमोट हो गए बच्चे, कोरोना की दूसरी लहर ने सभी को डाला असमंजस में

अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला था लेकिन इससे पहले कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी बढऩे लगा है जिसके तहत सरकार ने 30 अप्रैल तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। इससे बच्चों अभिभावकों व स्कूल संचालकों की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 05:47 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:47 PM (IST)
व्हाट्सएप ग्रुप से ही अगली कक्षा में प्रमोट हो गए बच्चे, कोरोना की दूसरी लहर ने सभी को डाला असमंजस में
कोरोना संक्रमण के चलते सीबीएसइ की परीक्षा रद होने से परीक्षार्थियों व अभिभावकों सहित स्कूल संचालकों में निराशा है।

गाजीपुर, जेएनएन। अगली कक्षा में प्रमोट हो गए। पिछली कक्षा में एंड्रायड फोन पर ही बच्चों की हाजिरी लगी, कक्षाएं चलीं, होम वर्क मिला और पूरा न होने पर डांट भी खानी पड़ी। सब कुछ आनलाइन, और परीक्षाएं भी। बच्चा घर बैठे-बैठे पास हो गया है। अगली सुबह जब बच्चा नींद से जगा और मम्मी का एंड्रायड फोन उठाया तो स्कूल के व्हाट््सएप ग्रुप में वह अब अगली कक्षा में पहुंच चुका था। कक्षा एक वाला दो में पहुंच गया और दो वाला तीन में। प्राइमरी वाला बच्चा जूनियर में और जूनियर वाला हाईस्कूल में। कुछ यही हाल है स्कूलों की आनलाइन पढ़ाई का, जो अधिकतर बच्चों को रास नहीं आ रहा है।

अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला था, लेकिन इससे पहले कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी बढऩे लगा है, जिसके तहत सरकार ने 30 अप्रैल तक सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है। इससे बच्चों, अभिभावकों व स्कूल संचालकों की उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। अगर 30 अप्रैल के बाद स्कूल खुलते भी हैं तो ऐसे में शासन की गाइड लाइन क्या होगी? इसको लेकर असमंजस बरकरार है। अभिभावकों का मानना था कि बच्चे को आनलाइन पढ़ाई से ज्यादा सीखने को नहीं मिलता है। पढ़ाई का बेहतर माहौल स्कूल में ही बन पाता है। ऐसे में नए सत्र में अधिकांश अभिभावक अपने बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए भाग-दौड़ कर रहे थे, वहीं कुछ लोग असमंजस में भी थे। इस बीच फिर से स्कूल बंद करने के आदेश ने सभी की योजनाओं पर तुषारपात कर दिया।

सीबीएसइ की परीक्षा रद होने से निराशा

कोरोना संक्रमण के चलते बुधवार को सीबीएसइ की परीक्षा रद होने से परीक्षार्थियों व अभिभावकों सहित स्कूल संचालकों में निराशा है। परीक्षा तिथि नजदीक होने से परीक्षार्थी जोरशोर से परीक्षा की तैयारी में लगे थे। परीक्षा केंद्र भी बना लिए गए थे और कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने हुए परीक्षा कराने की तैयारी थी। परीक्षार्थियों को अब सीबीएसइ की अगली तिथि की प्रतीक्षा रहेगी।

प्रवेश सहित सभी शुल्क मांग रहे स्कूल

इस हालात में भी स्कूल संचालक बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश देने के लिए अभिभावकों से प्रवेश सहित सभी शुल्क मांग रहे हैं। शहर के ऐसे कई प्रतिष्ठित स्कूल हैं जिन्होंने कोरोना काल के दौरान पूरे वर्ष बंद रहे स्कूलों के बाद भी पूरी फीस वसूल की है। जमा न करने पर बच्चों को स्कूल से निकालने की धमकी देते हैं। बंशीबाजार निवासी राधेश्याम ने बताया कि उनके दो बच्चे एक मिशनरी स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल ने लाकडाडन के दौरान भी पूरे वर्ष की फीस वसूल की। कक्षाएं एक दिन भी नहीं चलीं। अब अगली कक्षा में प्रवेश के नाम पर फिर से प्रवेश सहित अन्य  शुल्क जमा करने का दबाव बना रहे हैं। मिश्रबाजार निवासी सुरेश वर्मा का भी कुछ यही कहना है। बताया कि उनका एक बच्चा शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ता है। अभी स्कूल खुले भी नहीं और फीस जमा करने का दबाव बढऩे लगा है। हर दूसरे दिन फोन व मैसेज करते हैं स्कूल वाले। समझ में नहीं आ रहा कि क्या किया जाए।

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