शिशु गृह प्रयागराज में होगा गंगा का पालन-पोषण, गाजीपुर में बाक्स में बंद बच्ची को नाविक ने निकाला था बाहर

गंगा नदी में मिली गंगा का पालन-पोषण शिशु गृह प्रयागराज में होगा। अस्पताल से गुरुवार को डिस्चार्ज होने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ बालिका गंगा को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। उसे राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेजने का फैसला लिया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 07:00 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 07:00 PM (IST)
शिशु गृह प्रयागराज में होगा गंगा का पालन-पोषण, गाजीपुर में बाक्स में बंद बच्ची को नाविक ने निकाला था बाहर
गाजीपुर में नवजात बालिका गंगा को एंबुलेंस से प्रयागराज ले जाते चाइल्ड लाइन के सदस्य।

 जागरण संवाददाता, गाजीपुर। गंगा नदी में मिली 'गंगा का पालन-पोषण शिशु गृह प्रयागराज में होगा। अस्पताल से गुरुवार को डिस्चार्ज होने के बाद पूरी तरह से स्वस्थ बालिका गंगा को बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किया गया। कोई दावेदार सामने नहीं आने पर समिति ने उसे राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेजने का फैसला लिया। इसके बाद चाइल्ड लाइन के सदस्य उसे लेकर शाम को 108 एंबुलेंस से प्रयागराज के लिए निकल गए। गंगा पूरी तरह स्वस्थ है और उनकी गोद में खिलखिला रही थी।

शहर के ददरीघाट के पास गंगा में बहते हुए लकड़ी के एक बाक्स में वह नाव चलाने वाले गुल्लू चौधरी को मिली थी। उसके साथ उसकी जन्म कुंडली भी थी, जिसके अनुसार बच्ची का नाम 'गंगा था और 25 मई 2021 को उसका जन्म हुआ था। कुंडली में उस बच्ची को गंगा को कन्यादान करने का जिक्र था। चाइल्ड लाइन ने उसे जिला महिला अस्पताल के एनसीसीयू में भर्ती कराया। नौ दिन तक उपचार के बाद उसे चाइल्ड लाइन के सदस्य बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत किए। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष बबीता गुप्ता ने बताया कि गंगा को राजकीय शिशु गृह प्रयागराज भेज दिया गया है। उल्लेखनीय है कि उसकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव आई थी।

मुख्यमंत्री ने लिया था संज्ञान

गंगा से निकाली गई बच्ची के मामले का मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया और घोषणा की कि उस बच्ची का पालन-पोषण सरकार करेगी। इसके साथ मुख्यमंत्री ने गुल्लू की सराहना करते हुए उसे प्रोत्साहन स्वरूप सरकारी योजनाओं से आच्छादित करने की घोषणा की। इसके बाद डीएम मंगला प्रसाद गुल्लू के घर पहुंचे और उसे नाव देने संग घर तक रास्ता बनवाने का आश्वासन दिया।

30 दिन के भीतर दावा कर सकते हैं माता-पिता

बाल कल्याण इकाई की संरक्षक गीता श्रीवास्तव ने बताया कि उक्त बच्ची 'गंगा को अपनाने के लिए उसके माता-पिता विज्ञप्ति प्रकाशित होने के 30 दिन के अंदर अपना दावा बाल कल्याण समिति के सामने प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके बाद उससे संबंधित कागजात बनवाने व जमा करने के लिए 30 दिन का और समय दिया जाएगा। इस दौरान माता-पिता यह साबित कर पाए कि बच्ची उन्हीं की है तो गंगा को उन्हें सौंप दिया जाएगा। इसके बाद उनका कोई दावा स्वीकार नहीं होगा।

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