वाराणसी में बोले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ - 'कोरोना वायरस उत्‍तर प्रदेश में न्यूनतम स्तर पर'

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में मात्र 6-7 आरोग्य मेला ही हो पाए थे लेकिन 30 लाख लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर हो गए थे। उसी दौरान वैश्विक महामारी कोरोना का कहर शुरू हो गया। कोरोना के चलते कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 12:00 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 12:00 PM (IST)
वाराणसी में बोले मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ - 'कोरोना वायरस उत्‍तर प्रदेश में न्यूनतम स्तर पर'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य मेला संचारी रोग नियंत्रण के लिए प्रारंभ हो रहे हैं।
वाराणसी, जेएनएन। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य मेला संचारी रोग नियंत्रण के लिए प्रारंभ हो रहे हैं, इस विशेष अभियान के अवसर पर मैं आप सभी का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन करता हूं। आज का दिन विशेष इसलिए है आगामी गर्मी व बरसात में होने वाली बीमारियों से बचाव के लिए हम सभी को जागरूकता का एक मौका दे रहा हू। हम सब जानते हैं कि गत वर्ष 2020 में हमारी सरकार ने यह सुनिश्चित किया था कि प्रदेश के अंदर हर रविवार को प्रत्येक प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आरोग्य मेला का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री आरोग्य योजना के माध्यम से हम लोगों ने आरोग्यता सुनिश्चित करने के लिए उस समय एक विशेष अभियान को आगे बढ़ाने का निश्चय किया था। 
कोरोना काल में मात्र 6-7 आरोग्य मेला ही हो पाए थे, लेकिन 30 लाख लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में अग्रसर हो गए थे। उसी दौरान वैश्विक महामारी कोरोना का कहर शुरू हो गया। कोरोना के चलते कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा। लगभग 10 महीने तक कोरोना के साथ जूझते हुए प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एक नई लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए देश प्रदेश में कोरोना को मात दिया। आज कोरोना प्रदेश के न्यूनतम स्तर पर है और कह सकते हैं प्रधानमंत्री के प्रयास से दो वैक्सीन लाए हैं। जो सरकारी के साथ-साथ निजी चिकित्सालय में भी यह सुविधा प्रदान की जा रही। 
कहा कि कोरोना के दौरान प्रधानमंत्री ने जो मार्गदर्शन दिया उनकी प्रेरणा देश को वैश्विक महामारी से बचाने के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा साबित हुई। देश और प्रदेश में कोरोना वायरस के साथ ही हम तमाम उन बीमारियों को मात देने के प्रयास में है जिनके कारण अक्सर हजारों मौतें होती हैं। दिमागी बुखार इससे मस्तिष्क ज्वर कहा जाता है, इस बीमारी के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश, गोरखपुर, बस्ती, देवीपाटन मंडल, बरेली मंडल, मुरादाबाद मंडल सहारनपुर मंडल इस बीमारी के उपचार के लिए अंतर विभागीय समन्वय  एवं स्वास्थ्य विभाग को नोडल विभाग बनाते हुए विशेष अभियान प्रारंभ किया गया। 
इंसेफेलाइटिस के प्रति नागरिकों को जागरूक करने एवं जापानी इंसेफेलाइटिस से बचाव के लिए टीकाकरण के साथ जोड़ने का विशेष अभियान प्रारंभ किया। मुझे तो ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश के जिले और 38 जनपदों में दिमागी बुखार के मामले आते थे, आज जब हम इसको अंतिम चरणों में पूरी तरह से नियंत्रण करने के लिए अग्रसर हुए हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार ने बिमारी पर 75 फीसद और मौत के आंकड़ों पर 95 फीसद रोक लगाने पर सफलता मिली है, जो बचा है उसे आने वाले समय में पूरी तरह से समाप्त करेंगे। इस बचाव के क्रम में दुनिया की तमाम संस्थाओं ने इस मुकाम तक पहुंचाया है, सभी का आभार व्यक्त करेंगे। जितनी भी विषाणु जनित बीमारियों के पीछे कारण है बाहर शौच करने, गंदगी व शुद्ध पेयजल का अभाव था, अब नहीं है। प्रधानमंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर एक परिवार को एक-एक शौचालय उपलब्ध कराने का कार्य किया। जल जीवन मिशन के तहत सभी लोगों को स्वच्छ जल आपूर्ति में सफलता प्राप्त होगी इसके पहले भी स्वच्छ भारत मिशन में जो लक्ष्य था उसे प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है।
अब हर गांव में सामुदायिक शौचालय बन रहे हैं। वहीं गांव की एक महिला को भी रोजगार उपलब्ध होगा, यह रोजगार के साथ-साथ स्वस्थ एवं आरोग्यता प्राप्त करने के लिए यही बचाव का सर्वोत्तम उपाय हो सकता है। बीमारी के उपचार से महत्वपूर्ण बचाव है।  बचाव के लिए जो भी कार्य हो सकते हैं उसमें संचारी रोग नियंत्रण का यह कार्यक्रम उस अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी होगी। आरोग्य मेले में अनेक प्रकार की जाचे होंगी।  स्वास्थ्य के साथ-साथ परिवार कल्याण और पोषण के बारे में अनेक कार्यक्रम संचालित होते हैं। सभी को जागरूक करते हुए स्वास्थ्य की तमाम योजनाओं के बारे में जो वास्तव में प्रत्येक बच्चे के लिए आवश्यक है उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाती है।
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