मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त सड़क अभियान के सपने पर पानी फेर रहे अधिकारी, विपक्षी दलों ने घेरा

यह रोड जिला पंचायत से बनी है पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट गड्ढा मुक्त सड़क के तहत अभी हाल ही में बनारस से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए जो टेंडर जारी हुआ उसमें इस सड़क का उल्लेख ही नही हुआ है। आखिर ऐसा क्यों हुआ।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 11:52 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 11:52 AM (IST)
मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त सड़क अभियान के सपने पर पानी फेर रहे अधिकारी, विपक्षी दलों ने घेरा
जो बजट तय होता है उसकी बंदरबांट ऊपर से नीचे तक हो जाती है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गड्ढा मुक्त सड़कों के सपने को उनके अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने पलीता लगा दिया है । सड़कों का आलम यह है कि सड़कों के लिए जो बजट तय होता है उसकी बंदरबांट ऊपर से नीचे तक हो जाती है। उसकी दुश्वारियां जनता को झेलती पड़ती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के आराजीलाइन रोहनिया विधानसभा के अंतर्गत आता है। सेक्टर नम्बर एक से ग्राम सभा भोजूबीर से ग्राम सभा मानापुर तक जिसकी लम्बाई कुल 600 मीटर है।

यह रोड जिला पंचायत से बनी है, पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट गड्ढा मुक्त सड़क के तहत अभी हाल ही में बनारस से सड़कों को गड्ढा मुक्त करने के लिए जो टेंडर जारी हुआ, उसमे इस सड़क का उल्लेख ही नही हुआ है। आखिर ऐसा क्यों हुआ। जबकि इस सड़क कि हालत बेहद खस्ता है। आए दिन सड़क पर गड्ढों की वजह से राहगीर गिरकर चोटिल होते हैं। स्थानीय ग्रामीणों को गम्भीर चोट भी आई। राहगीरों का गाड़ी तो दूर पैदल भी चलना दुश्वार है। इसको लेकर ग्रामीणों में जिला प्रशासन पंचायत सदस्य के खिलाफ गहरा रोष है।

ग्रामीणों ने इस बाबत कई बार अधिकारियों को पत्रक दिया पर अधिकारियों ने आज तक ध्यान नहीं दिया। इस मामले में पूर्व विधायक अजय राय ने कहा कि आखिर ऐसा कैसे संभव है कि इतने वीवीआईपी इलाके को लेकर अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में यह बेरुखी क्यों है। अगर जल्द से जल्द जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस सड़क का फिर से टेंडर नही बनाएंगे तो हम कांग्रेसी आंदोलन के लिए विवश होंगे।

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट होने के बावजूद अगर यह उदासी है तो अन्य योजनाओं की क्या स्थिति होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है। यह प्रधानमंत्री का भी संसदीय क्षेत्र है। अगर जिला प्रसाशन इसपर त्वरित कार्यवाही नहीं करता है तो हमें सड़क पर उतरकर विरोध करना आता है। जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की होगी।

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