मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा दरबार में लगाई हाजिरी, रात में परखी शहर की व्यवस्था
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सफल बनाना है। सभी कार्यकर्ता जी- जान से जुट जाएं जनसभा में अधिक से अधिक लोगों को जनसभा के लिए आमंत्रित करें। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को लेकर अपने साथ भी पहुंचें।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि प्रधानमंत्री का कार्यक्रम सफल बनाना है। सभी कार्यकर्ता जी- जान से जुट जाएं, जनसभा में अधिक से अधिक लोगों को जनसभा के लिए आमंत्रित करें। साथ ही अधिक से अधिक लोगों को लेकर अपने साथ भी पहुंचें। इस बार पीएम नरेन्द्र मोदी का भव्य स्वागत होना चाहिए। इस बाबत कहीं भी कोई कमी न रहे, सभी को ध्यान देना है। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। अधिकारियों संग बैठक से पूर्व पार्टी पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने बैठक की और आयोजन के बाबत सभी को प्रेरित करते हुए पार्टी के लिए आगामी चुनाव में जी जान से जुटने की अपील की है।
बैठक से निकलने के बाद मुख्यमंत्री सास्कृतिक संकुल का भी निरीक्षण करने पहुंचे। इस दौरान सर्किट हाउस अंडर ग्राउंड पार्किंग स्थल का भी उन्होंने निरीक्षण किया। इसके बाद शहर में भ्रमण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नगरीय व्यवस्थाओं का हाल अपनी आंखों से देखा। इस दौरान सीएम के आगमन को देखते हुए शहर भर में सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई। वहीं पुलिस अधिकारियों ने चक्रमण कर सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद करने का जायजा खुद ही लिया।
शहर भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री बाबा काशी विश्वनाथ के गर्भगृह में पहुंचे और मंदिर के अर्चक डॉ. श्रीकांत ने विधिवत पूजा संपन्न कराई। इसके बाद अन्नपूर्णा के दरबार में पांच ब्राह्मणों द्वारा मन्त्रोचार से उनका स्वागत हुआ। बाबा दरबार पहुंचे सीएम ने सृंगी से बाबा का दुग्धाभिषेक किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार की शाम को काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव की मन्त्रोच्चारण के बीच दर्शन पूजन कर आरती की। मुख्यमंत्री ने मंदिर पहुंचकर तेल, धूप, माला अर्पित किया। तत्पश्चात महंत अरुण दुबे ने भैरव अष्टक मंत्र उच्चारण कर पूजन व आरती करायी। इस मौके पर पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी, मंत्री रवींद्र जायसवाल सहित अन्य लोग मौजूद रहे। वहीं बाबा दरबार में पूजा के आखिर में मुख्यमंत्री श्री योगी ने बाबा की आरती उतारी। भगवान विश्वनाथ को नमन किया और गर्भगृह से बाहर निकले। कॉरिडोर में लगे मानचित्र के माध्यम से विश्वनाथ धाम की प्रगति से भी इस दौरान अवगत हुए।