बाहुबली मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, एमपी-एमएलए कोर्ट में चलेगी सुनवाई

आजमगढ़ में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी समेत उसके गिरोह के 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर मामले में चार्जशीट दाखिल की है। विधिक कार्यवाही पूरी होने के मुख्तार अंसारी के खिलाफ केस एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में चलेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 08:52 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 08:52 PM (IST)
बाहुबली मुख्तार अंसारी गैंग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, एमपी-एमएलए कोर्ट में चलेगी सुनवाई
गैंगस्टर मामले की जांच में पुलिस द्वारा बाहुबली के पर कार्रवाई करने से गैंग में दशहत की स्थिति है।

आजमगढ़, जेएनएन। जिले में विधिक कार्यवाही के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट में अब मुख्‍तार मामले की सुनवाई चलेगी। वर्ष 2014 में तरवां पुलिस ने 11 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर लगाया था। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी समेत उसके गिरोह के 11 लोगों के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। विधिक कार्यवाई पूरी होने के मुख्तार अंसारी के खिलाफ केस एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में चलेगा। गैंगस्टर मामले की जांच में पुलिस द्वारा बाहुबली के आर्थिक साम्राज्य को चरमरा डालने वाली कई कार्रवाई करने से गैंग में दशहत की स्थिति थी।

वर्ष 2014 में आजमगढ़ के तरवां थाना अंतर्गत ऐराखुर्द गांव में एक मजदूर की गोली मारकर हत्या की गई थी। उसमें मुख्तार अंसारी को हत्या का षड्यंत्र रचने के लिए 120 बी के तहत नामजद किया गया था। उसी मामले में पुलिस ने मुख्तार समेत 11 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर का मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस गैंग के 11 लोगों में मुख्तार अंसारी, राजेंद्र पासी, राजन पासी, हरिकेश यादव, राजेश सिंह, माेहन पासी, श्याम बाबू पासी, अभिषेक मिश्रा, छाेटा पंकज यादव, उमेश सिंह, अनुज कन्नौजिया के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। केस की जांच कर रहे इंस्पेक्टर प्रशांत श्रीवास्तव ने खूब नकेल कसी।

मुख्तार अंसारी की पत्नी के नाम खरीदी गई एक जमीन का ब्योरा भी सामने आया था, जिसमें एसपी ने लखनऊ के डीएम को पत्र लिखकर भूमि के स्वामित्व के सुबूत की जांच में सहयोग मांगा था। एसपी सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि चार्जशीट लग गई है। मामले में कुछ विधिक कार्यवाही पूरी होने के बाद सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में होगी। एक सवाल के जवाब में बताया कि गैंग का अनुज कन्नौजिया पकड़ में नहीं आ सका है। उसकी संपत्ति कुर्क की जा चुकी है। अतिक्रमण के दायरे में आने वाले उसके मकान के हिस्से को गिराने के लिए भी मऊ के जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है।

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