वाराणसी के पांडेयपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर को चार्जशीट, डीएम ने की कार्रवाई
जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक कर पांडेयपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर को कांटेक्ट ट्रेसिंग में सही ढंग से डाटा फीड न करने पर कार्रवाई की है।
वाराणसी, जेएनएन। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने अपर मुख्य सचिव एवं कोविड-19 के जनपद के नोडल अधिकारी देवेश चतुर्वेदी की सायंकालीन बैठक के पश्चात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। बैठक के दौरान पांडेयपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और डाटा एंट्री ऑपरेटर को कांटेक्ट ट्रेसिंग में सही ढंग से डाटा फीड न करने को लेकर कड़ी कार्यवाही करते हुये चार्जशीट दर्ज की है।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीबी सिंह को निर्देशित करते हुये कहा कि अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ जंग बहादुर से स्पष्टीकरण लिया जाए कि वह अपर मुख्य सचिव की बैठक में क्यों उपस्थित नहीं रहे ? और अब से इनकी ड्यूटी कोविड कमांड सेंटर में लगाई जाए। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने अन्य निर्देश भी दिये जो इस प्रकार हैं।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि कोविड-19 के अंतर्गत चिकित्सकों की मोबाइल टीम बनाकर जनपद में भ्रमण के लिए लगाई जाए, भ्रमण के दौरान टीमें सर्दी, खांसी, बुखार (आईएलआई), सांस लेने में दिक्कत (सारी) और पूर्व से ग्रसित गंभीर बीमारियों के मरीजों को मौके पर ही चिकित्सीय टीम के द्वारा चिकित्सीय परामर्श दिया जाए और उनके इलाज की मुकम्मल व्यवस्था की जाए।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि 50 चिकित्सकों और लैब टैकनीशियन का वॉक इन इंटरव्यू करते हुये संविदीय मानदेय के आधार पर नियुक्ति की जाए। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ वीएस राय को निर्देशित किया कि जनपद में आईवर्मेक्टिन दवाओं के वितरण की प्रतिदिन की जानकारी एकत्रित करते हुये समय पर पोर्टल पर अपलोड की जाए। इसके लिए अग्रिम पंक्ति की कार्यकर्ता एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से संबन्धित क्षेत्र का प्रतिदिन का डाटा समय से लिया जाए। रेलवे एवं अन्य विभागों के सरकारी चिकित्सकों को भी कोविड-19 के कार्य में लगाया जाए। होम आइसोलेशन के मरीजों को घर पर ही चिकित्सीय परामर्श देने के लिए टेलीमेडिसिन हेतु चिकित्सकों के अलग-अलग पैनल बनाए जाएँ और सभी चिकित्सकों की दो-दो घंटे के अंतराल में ड्यूटी लगाई जाए। इसके लिए इंडियन मेडिकल एशोसिएशन के चिकित्सकों और सेवानिर्वित्त चिकित्सकों को शामिल किया जाए।