बाजार में आएगा चंदौली का काला धान का चूड़ा और दलिया, खूब पंसद किया गया सैंपल

देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुके काला चावल के बाद अब काला धान का चूड़ा और दलिया भी बाजार में उतारने की तैयारी है। इसका सैंपल लोगों में खूब पसंद किया गया है। काले धान से चावल के अलावा अन्य बाइ प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बनाई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:10 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:10 PM (IST)
बाजार में आएगा चंदौली का काला धान का चूड़ा और दलिया, खूब पंसद किया गया सैंपल
काले धान से चावल के अलावा अन्य बाइ प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बनाई है।

चंदौली, जितेंद्र उपाध्याय। देश-विदेश में अपनी पहचान बना चुके काला चावल के बाद अब काला धान का चूड़ा और दलिया भी बाजार में उतारने की तैयारी है। इसका सैंपल लोगों में खूब पसंद किया गया है। ऐसे में चंदौली काला चावल कृषक समिति ने काले धान से चावल के अलावा अन्य बाइ प्रोडक्ट तैयार करने की योजना बनाई है। इस बार धान कटकर तैयार होगा तो बाई प्रोडक्ट भी बाजार में उतारा जाएगा। पहले साल इसको सीमित रखने की योजना है। लोगों ने चूड़ा और दलिया खरीदने में दिलचस्पी दिखाई तो इसका विस्तार किया जाएगा।

कोरोना संक्रमण की वजह से इस बार काला चावल की बिक्री में अड़चन आ गई। दुबई व प्रयागराज की कंपनियों की डिमांड पर जिले से सैंपल भेज दिया गया है। इससे बिक्री की उम्मीद जगी है। हालांकि अभी तक किसी भी खरीदार से डील फाइनल नहीं हो सकी है। इस तरह की परेशानियों से निजात के लिए ब्लैक राइस के बाई प्रोडक्ट तैयार कर लांच करने की तैयारी है। ताकि बाइ प्रोडक्ट बेचकर किसान आमदनी कर सकें। पिछले दिनों काला चावल का चूड़ा और दलिया बनाकर वाराणसी के आर्गेनिक हाट समेत अन्य दुकानदारों को सैंपल के तौर पर दिया गया था। इसका अच्छा परिणाम रहा। लोगों ने चूड़ा और दलिया को खूब पसंद किया। इससे बाइ प्रोडक्ट की बिक्री की उम्मीद जगी है।

सीएम व कृषि मंत्री चूड़ा के मुरीद

पिछले दिनों आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय फैजाबाद में प्रदेश स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया था। इसमें काला चावल कृषक समिति ने अपने स्टाल लगाए। यहां काला चावल, चूड़ा और दलिया रखा गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काला चावल के चूड़ा के बारे में जानकारी ली। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने इसके गुणों व स्वाद के बारे में उन्हें विस्तार से बताया था। इसके गुणों के बारे में जानकर मुरीद हो गए। साथ ही बाइ प्रोडक्ट लांच करने के लिए काला चावल कृषक समिति के सदस्यों का उत्साहवर्धन किया।

काला धान से चूड़ा बनाना आसान नहीं

काला धान से चूड़ा बनाना आसान काम नहीं है। दरअसल, धान के पुष्ट दानों से ही चूड़ा बनता है। एक ही खेत में रोपे गए धान के सभी पौधों में एक साथ दाने पककर तैयार नहीं हो पाते हैं। कुछ दाने पुष्ट हो जाते हैं, तो कुछ अपुष्ट रहते हैं। किसान निर्धारित समय के बाद इसकी कटाई और दराई करा देते हैं। चूड़ा बनाने के लिए अनाज को जब मशीन में डाला जाता है तो पके व पुष्ट दानों से चूड़ा बन पाता है। ऐसे में धान से चूड़ा का रिकवरी रेट मात्र 40 से 50 फीसद ही है।

चूड़ा व दलिया बनाकर बाजार में उतारने की योजना है

‘इस बार काला धान की कटाई होने के बाद चूड़ा व दलिया बनाकर बाजार में उतारने की योजना है। इसका सैंपल पसंद किया गया। धान की बिक्री के लिए तमाम कंपनियों से संपर्क साधा जा रहा है। कोशिश की जा रही कि किसानों को उचित मूल्य मिल सके।

शशिकांत राय, अध्यक्ष, चंदौली काला चावल कृषक समिति

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