सांस्‍कृतिक संध्‍या के आयोजन भारत-आनंद काशी आनंद में गायन व नृत्य ने समा बांधा

दैनिक जागरण व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर रविवार की शाम कार्यक्रम आयोजित किया गया।

By Edited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 01:22 AM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 01:23 AM (IST)
सांस्‍कृतिक संध्‍या के आयोजन भारत-आनंद काशी आनंद में गायन व नृत्य ने समा बांधा
सांस्‍कृतिक संध्‍या के आयोजन भारत-आनंद काशी आनंद में गायन व नृत्य ने समा बांधा

वाराणसी, जेएनएन। दैनिक जागरण व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित भारत आनंद काशी आनंद में रविवार को गायन व नृत्य से कलाकारों ने समा बाध दिया। भजन व गजल और नृत्य में भरतनाट्यम में कलाकारों ने अपनी प्रतिभा का जादू बिखेरा। कार्यक्रम का आरंभ गौरव पाडेय के भजन आजा श्रीकृष्ण वृषभान दुलारी से हुआ। इसके बाद उन्होंने बदनाम रहे बटमार मगर घर तो रखवालों ने लूटा व चार दिन की फकत चांदनी है, चांदनी का कोई भरोसा नही है जैसे गजलों के माध्यम से श्रोताओं से खूब तालिया बटोरीं। अगली कलाकार स्मृति शुक्ला ने पायोजी मैं तो राम रतन धन पायो व जय महेश जटा जूट व दमादम मस्त कलंदर सुनाकर वाहवाही लूटी।

इसके बाद कलककारों ने भरतनाट्यम की प्रस्तुति की। अवंतिका सिंह ने एकल प्रस्तुति में पुष्पाजलि अर्पित की। अलारिपु के माध्यम से अपनी प्रतिभा का बखूबी प्रदर्शन किया। अगली प्रस्तुति में अनामिका प्रसाद और प्रतिष्ठा पुराणिक ने मराठी अभंग (भजन) भाव नृत्य प्रस्तुत किया। प्रतिष्ठा पुराणिक ने भरतनाट्यम शैली में शिव स्तुति प्रस्तुत किया। इसके बाद अंकेश सिंह ने एकल कथक में नृत्य की बारीकियों के माध्यम से अपनी प्रतिभा निखारा। उन्होंने मोहे मारे नजरिया सावरिया रे भाव नृत्य भी किया।

रविवार की आखिरी प्रस्तुति समूह भरतनाट्यम में प्रतिष्ठा पुराणिक, अवंतिका सिंह और अनामिका प्रसाद ने भाग लिया। नृत्य निर्देशन गुरु आलोक पाडेय और पूर्णिमा पाडेय का रहा। संचालन सुरभि सोनकर व गौतम झा ने किया। दैनिक जागरण व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में डा. राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित भारत आनंद काशी आनंद में गायन व नृत्य से कलाकारों ने मन को मोह लिया।

chat bot
आपका साथी