मेडिकल की परीक्षा आनलाइन कराने की तैयारी, बीएचयू बीएएमएस के लिए सीसीआइएम को प्रस्ताव
पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीएएमएस की फाइनल परीक्षा आफ व ऑनलाइन की बीच फंस गई है। इसे लेकर आयुर्वेद संकाय के विद्यार्थियों में भी दो फाड़ हो गया। एक धड़ा किसी भी स्थिति में गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहता है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल के एम्स कहे जाने वाले चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीएएमएस की फाइनल परीक्षा आफ व ऑनलाइन की बीच फंस गई है। इसे लेकर आयुर्वेद संकाय के विद्यार्थियों में भी दो फाड़ हो गया। एक धड़ा किसी भी स्थिति में गुणवत्ता से समझौता नहीं करना चाहता है तो दूसरा धड़ा ऑफ नहीं तो ऑनलाइन ही परीक्षा कराने के लिए जोरशोर से लगा हुआ है। अगर ऑनलाइन परीक्षा होती है तो चिकित्सा क्षेत्र में ऐसा पहली बार होगा। हालांकि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान भी आफ लाइन ही परीक्षा हुई थी।
विद्यार्थियों में इस बात को लेकर भी संशय है कि अगर परीक्षा ऑनलाइन होती है भी तो उनकी डिग्री मान्य नहीं होती है तो फिर एक और झमेला बढ़ जाएगा। खैर, बीएचयू प्रशासन की ओर से आयुर्वेद की डिग्री को मान्यता देने वाली आयुष मंत्रालय की संस्था सीसीआइएम (सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसन) को अनुमति के लिए पत्र भेजा है। सूत्रों की मानें तो तो दो गुटों का मामला अधिकारियों के पास पहुंचा तो पल्ला झाड़ते हुए विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार परीक्षा कराने की बात कर दी।
हालांकि ये उन्हें भी पता है कि ऐसा संभव नहीं है। कारण कि चिकित्सा क्षेत्र की परीक्षाएं आफलाइन ही होती है। इसमें परीक्षार्थी को सीधे मरीजों के पास जाकर उनसे इलाज एवं अन्य अनुभव के आधार पर परीक्षा देनी पड़ती है। सूत्र बताते हैं कि पिछले साल भी ऐसी नौबत आई थी, जिसमें काउंसिल ने स्पष्ट कर दिया था कि भले ही साल-छह माह देरी हो लेकिन परीक्षा ऑफलाइन ही होगी। हां, अगर जरूरत पड़े तो नियमानुसार विद्यार्थियों को कक्षा में प्रनोत्ति दी जा सकती है।