सोनभद्र में पुलिस उपनिरीक्षक पर हमले के मामले में सीबीसीआइडी ने शुरू की जांच
सीबीसीआइडी वाराणसी के अपर पुलिस अधीक्षक डा. कृष्ण गोपाल सिंह ने शनिवार को गांव में पहुंचकर घटना के संबंध में ग्रामीणों का बयान दर्ज किया। उन्होंने घटना के बारे में ग्रामीणों के साथ ही थाना पुलिस से भी पूछताछ की।
सोनभद्र, जेएनएन। करीब तीन वर्ष पूर्व म्योरपुर थाना क्षेत्र के लिलासी कला गांव में वन भूमि पर हुए कब्जे को हटाने गई वन और पुलिस विभाग की टीम पर हमले की जांच सीबीसीआइडी ने शुरू कर दी है। सीबीसीआइडी वाराणसी के अपर पुलिस अधीक्षक डा. कृष्ण गोपाल सिंह ने शनिवार को गांव में पहुंचकर घटना के संबंध में ग्रामीणों का बयान दर्ज किया। उन्होंने घटना के बारे में ग्रामीणों के साथ ही थाना पुलिस से भी पूछताछ की।
म्योरपुर थाना क्षेत्र के लिलासी कला गांव में वन भूमि पर कब्जा लंबे समय से चल रहा है। वर्ष 2018 में भी वहां की जमीन पर कब्जा किया गया था। ग्रामीणों ने वन भूमि पर मड़ई लगा ली थी और करीब तीन एकड़ जमीन की जोताई कर दी थी ताकि खेती की जा सके। वन विभाग की टीम ने कई बार ग्रामीणों को जमीन कब्जा मुक्त करने की चेतावनी दिया था। लेकिन कब्जा करने वालों ने वन भूमि खाली करने की जगह उस पर खेती शुरू कर दी थी। इस पर तत्कालीन थानाध्यक्ष, उप निरीक्षक, सिपाहियों के साथ ही वन विभाग की टीम ने मौके पर दबिश दी थी और वन भूमि को खाली कराने का प्रयास किया था। लेकिन उस समय कब्जा करने वालों ने पुलिस और वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया था। पथराव में तत्कालीन उपनिरीक्षक सत्य प्रकाश सिंह समेत वन कर्मी घायल हो गए थे।
पुलिस ने इस मामले में नंदू गोड़ को मुख्य आरोपित बनाया था। बाद में जमीन पर कब्जा करने वाली महिलाओं ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत किया था कि वन और पुलिस महकमे ने उनका उत्पीड़न किया है। इस मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई है। शनिवार को सीबीसीआइडी वाराणसी के अपर पुलिस अधीक्षक कृष्ण गाेपाल सिंह ने गांव में पहुंचकर मुख्य आरोपी नंदू गोड़ व कुछ महिलाओं के साथ ही ग्राम प्रधान रामनरेश जायसवाल का बयान दर्ज किया। म्योरपुर के प्रभारी निरीक्षक अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वन भूमि पर कब्जे के पुराने मामले में सीबीसीआइडी जांच कर रही है।