आजमगढ़ में पुलिस पर दर्ज होगा मुकदमा, चर्चित क्षेत्राधिकारी गोपाल स्वरूप बाजपेई हटाए गए
रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में चार लोगों के मकानों को ध्वस्त करने के बाद महिलाओं द्वारा शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना नाैवें दिन शनिवार की सुबह समाप्त हो गया। प्रशासन ने तोड़े गए मकानों का निर्माण शुरू करा दिया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। रौनापार थाना क्षेत्र के पलिया गांव में चार लोगों के मकानों को ध्वस्त करने के बाद महिलाओं द्वारा शुरू किया गया अनिश्चितकालीन धरना नाैवें दिन शनिवार की सुबह समाप्त हो गया। प्रशासन ने तोड़े गए मकानों का निर्माण शुरू करा दिया। भाजपा नेताओं की पहल पर पीड़ित पक्ष ने प्रशासन से वार्ता की।तय हुआ कि ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे वापस लिए जाएंगे और 18 जुलाई तक प्रशासन मुकदमा वापसी का प्रमाण पत्र सौंप देगा।
29 जून को पुलिस और ग्रामीणों के बीच हुए विवाद के बाद पुलिसिया कार्रवाई से क्षुब्ध महिलाएं दो जुलाई से धरने पर बैठी थीं। धरने का नेतृत्व कर रहीं सुनीता ने बताया कि गांव के पीड़ित मुन्ना पासवान, स्वतंत्र पासवान, बृजभान आदि की जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से दो बार वार्ता हुई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया कि गांव के लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस ले लिया जाएगा। उसका प्रमाण पत्र 18 जुलाई को देंगे। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कर प्रतिलिपि पीड़ित परिवार को दी जाएगी।
मकान और सामानों की भरपाई की जाएगी। सारी बातों के साथ सुनीता ने यह भी कहा कि प्रशासन अगर अपने वादे से मुकरा तो धरना दोबारा शुरू कर दिया जाएगा। धरनास्थल पर पहुंचे भाजपा नेता मनीष कुमार मिश्रा व पूर्व जिला अध्यक्ष जयनाथ सिंह ने पीड़ित परिवार से बातचीत की। प्रशासन द्वारा सभी मांगें माने जाने की जानकारी दी। घटना की खुद भी निंदा की।
सरकार पर चौतरफा दबाव : आजमगढ़ में इस चर्चित प्रकरण पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और बसपा प्रमुख मायावती ने भी आपत्ति जाहिर करते हुए पीड़ितों को जल्द न्याय दिलाने की मांग की थी। सियासी मामला हो जाने की वजह से भाजपा की ओर से भी आनन फानन पहल करते हुए ग्रामीणों को न्याय दिलाने की पहल शुरू हुई। इसके बाद तांडव करने वाली पुलिस पर कार्रवाई करने की मांग मानते हुए अब विवाद समाप्ति की ओर है।
ग्रामीणों से किया प्रदर्शन : पुलिससिया कार्रवाई के बाद ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसके बाद सरकार पर कार्रवाई का दबाव बना। वहीं इस अवसर पर प्रभावती, कमलावती, चंपा, मंजू, मुन्ना पासवान, जितेंद्र पासवान, बृजभान, आजाद समाज पार्टी के एहसान खान, सोनू आर्य आदि उपस्थित रहे।
क्षेत्राधिकारी को हटाया गया : पलिया प्रकरण में महिलाओं संग अभद्रता की वजह से सुर्खियों में छाए सीओ सगड़ी गोपाल स्वरूप बाजपेई को हटा दिया गया है। उनके जिम्मे अब बूढ़नपुर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सगड़ी की जिम्मेदारी महेंद्र कुमार शुक्ला को मिली है। पुलिस मीडिया सेल की ओर से जारी सूचना में तबादले का आधार प्रशासनिक बताया गया है।