भदोही के कालीन निर्यातकों को नहीं मिला ग्रीनकार्ड, कालीन का वैश्विक कारोबार प्रभावित
शिपमेंट के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए उद्यमियों ने डेढ़ साल पहले वित्त मंत्रालय में सुझाव रखे थे। इस पर केंद्र सरकार ने अधिक रूचि नहीं ली लेकिन प्रदेश सरकार ने निर्यातकों को ग्रीनकार्ड सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी थी।
जासं, भदोही। कालीन उद्योग एवं उद्यमियों को राहत पहुंचाने के लिए सरकार की ओर से भले ही समय- समय पर प्रविधान किए जाते हैं लेकिन इसका लाभ व्यवसायियों को नहीं मिल पाता है। आलम यह है कि आठ माह पूर्व प्रदेश सरकार ने उद्यमियों को व्यवसाय की कैटेगरी के अनुसार ग्रीन व एलो कार्ड उपलब्ध कराने का प्रविधान किया था लेकिन अभी तक किसी को इसका लाभ नहीं मिला।
निर्यात के दौरान परिवहन, कस्टम, शिपमेंट के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए उद्यमियों ने डेढ़ साल पहले वित्त मंत्रालय में सुझाव रखे थे। इस पर केंद्र सरकार ने अधिक रूचि नहीं ली लेकिन प्रदेश सरकार ने निर्यातकों को ग्रीनकार्ड सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा कर दी थी। इसके लिए शासन द्वारा कुछ मानक बनाए गए थे। जिस पर खरा उतरने वालों को ही ग्रीन कार्ड मिलना था।
निर्यातकों को क्या होता है लाभ : प्रदेश से होने से कुल निर्यात में कालीन उद्योग की भागीदारी 38 फीसद है। परिवहन, कस्टम, शिपमेंट आदि के दौरान निर्यातकों को तमाम व्यवहारिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कागजात के नाम पर जहां सुविधा शुल्क की मांग की जाती है वहीं समय की बरबादी होती है। प्रदेश सरकार के निर्णय से निर्यातकों को कई समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है।
किसे मिलेगा ग्रीन कार्ड : सीमा शुल्क विभाग से ग्रीन चैनल्स की सुविधा हासिल करने वाले निर्यातकों को ग्रीन कार्ड की सुविधा दी जानी थी। एक करोड या उससे अधिक वार्षिक टर्नओवर वाले निर्यातकों, छह माह से अधिक समय तक जिन्हें कोई कर्ज या मुकदमा विचाराधीन न हो। कर चोरी या फ्राड के मामले में कभी डिफाल्टर घोषित न किए गए हों। ऐसे निर्यातकों को ग्रीन कार्ड से लैस करना था।
बोले निर्यातक : लंबे समय के बाद प्रदेश सरकार ने निर्यातकों को राहत प्रदान करने वाला निर्णय लिया था। इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इस महत्वपूर्ण स्कीम से लोग लाभान्वित नहीं हो सके। जागरूकता के अभाव में निर्यातकों ने पहल नहीं की। विभागीय स्तर से प्रचार-प्रसार का अभाव रहा। बावजूद इसके अब भी लोग लाभान्वित हो सकते हैं। -पीयूष बरनवाल, निर्यातक।
बोले अधिकारी : कोरोना के कारण ग्रीन कार्ड प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने में विलंब हुआ। इसके लिए आनलाइन पंजीकरण कराना होता है। सीमा शुल्क विभाग से ग्रीन चैनल्स की सुविधा हासिल करने वाले निर्यातक इससे लाभान्वित किए जाते हैं। इस संबंध में जल्द ही निर्यातकों के साथ बैठक की जाएगी। उन्हें फार्म भी उपलब्ध कराया जाएगा। - हरेंद्र प्रताप, उपायुक्त जिला उद्योग विभाग।